Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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५० ][ श्री जिनेन्द्र
श्री जिनस्तवन
भक्ति भाव भजके, सभी साज सजके,
गुण गाना सेवासे रंगना,
मालिक मेरे मनके, तेरे दास बनके;
गुण गाना सेवासे रंगना.
प्रभु गुण गाके, गुण सभी जोडना,
कोई भी भवमें भक्ति न छोडना, गुण सभी जोडना;
भवो भव भमके, जग घूम घूमके,
गुण गाना सेवासे रंगना.
सेवाकी खातर, में आया हूं द्वार पर,
अब स्थिर होना मेरी नजर पर;
आया हूं द्वार पर,
तेरा भजन भजके, सारा गुण सजके,
मेरे दिलको भक्तिसे रंगना.
वीतरागी तुम हो, मैं हूं सरागी,
सेवामें पाया प्रभु वडभागी, मैं हूं सरागी;
भज भज जिनके, गुण गण गणके,
गुण गाना सेवासे रंगना.
रंगीला मुक्तिको, मनमें बिठाली,
गुणोंकी सात सुधा प्याली, मनमें बिठाली;
आत्मदर्शन खिलाके, ज्ञान चरित मिलाके,
गुण गाना सेवासे रंगना.