स्तवनमाळा ][ ४९
मुझे आना तुमारे आंगना,
मुझे आना० २
तुमारी नगरीमें शीतल छाया,
प्रभु – भक्तिसे आनंद पाया,
शीतल छाया० ३
मेरी बांह्यां धरके, बेडा पार करके,
बुलाना तुमारे आंगना....
बुलाना तुमारे० ४
अमन चमन में आप बिराजो,
मैं तो तन मन से तेरे दर्शनसे सुख पाउं;
तेरे दर्शनसे सुख० ५
जरा म्हेर करके, मेरा हाथ ग्रहके,
ले जाना तुमारे आंगना...
ले जाना तुमारे० ६
ढूंढ फिरा मैं सारे जगतमें;
समय बिताया था सभी फोकटमें,
तेरा दास बनके, सेवी चरणके, हमें पाना
तुमारे आंगना० ७
अजर, अमर, अकलंक, अविनाशी,
सिद्ध स्वरूपी आत्मविकासी;
भक्ति भावनासे गीत वादनसे,
प्रभु पाना तुमारे आंगना,
प्रभु पाना तुमारे आंगना० ८