Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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४८ ][ श्री जिनेन्द्र
अब सुणो सहु संदेश, प्रभु आदेश,
सदा सुखकारी; जीवन में वोई सहारा.
श्री जिनस्तवन
(लाख लाख दीवडानी आरती उतारजो)
क्रोड क्रोड वंदन अमारा स्वीकारजो,
अंतरमां भावनाए थाय;
वारी जाउं प्रभुने ओवारणां,
सेवकनी अरजी आ दिलमांही धारजो,
केम करी दर्शन पमाय,
वारी जाउं प्रभुने ओवारणां.
अंगे अंगे ए ज उठे विचारणा,
डगले पगले एना आवे संभारणा;
पामुं प्रभु चरण पाय,
वारी जाउं प्रभुने ओवारणां.
आवो आवो नाथ दर्शन देखाडजो,
सेवक सदा दिल रहाय,
वारी जाउं प्रभुने ओवारणां.
श्री जिनस्तवन
तेरी राह धरके, भव पार करके,
मुझे आना तुमारे आंगना,
मुझे आना तुमारे०
मन स्थिर करके, तेरा ध्यान धरके,