Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ ५५
श्री जिनस्तवन
(पारेवडा जाजे वीराना देशमांए राग)
हो भवीया पामी अमूल्य जिनवाणी,
हो भवीया पामी अमूल्य गुरुवाणी;
तुं उतरजे अंतरमांही....हो भवीया०
त्रिभुवन दीपक जिननी सेवा, अखूट गुणना मेवा लेवा;
सेवीए आ सत्धर्मवाणी....हो भवीया०
दीप ज्ञाननो घटमां जगावी, दर्शनशुद्धि निर्मळ पामी;
सुणीए ए दिव्य जिनवाणी....हो भवीया०
विश्व विलोचन तारणहारी, कल्प वयण छे चमकत तारी,
अहो मनवांछित देनारी...हो भवीया०
विश्वभरनी ए पुनित वाणी, गुणगणगंग प्रवाह निशानी;
अहो उजमबा मात सुतवाणी....हो भवीया०
अमूल्य रहस्य परमागमना, ज्ञान कपाट खोलीने बताव्या;
गुरु कहाने अमृत रेलावीया...हो भवीया०
चैतन्यदेवना हार्द तपासनारी, गुणना सूक्ष्म भावो जणावनारी;
ए अद्भुत गुरु कहान वाणी....हो भवीया०
चोबाजुथी सूक्ष्म पट खोलनारी, नित नित आनंद मंगलकारी;
गुरु कहान वाणी भव तारी....हो भवीया०