Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ ६१
श्री स्तवन
(झीणी ते झीणी समदरियानी वेरए राग)
सत्नी वेळ्युं आवी सत् मोझार,
वेरडीयुं आवीने मोती नीपज्या,
ऊलस्या ते उलस्या आमत द्रव्य अपार,
छूट्यां बाळक सत्वर प्रभुने भेटीया.
मळीयो रे मळीयो स्वघरनो संगाथ,
मळीयो रे मळीयो देवगुरुनो संगाथ;
अपूर्व शांति मोक्षपुरीमां म्हालशुं,
अपूर्व शांति आत्मपुरीमां झट म्हालशुं;
भव्य जनोए दीठा तुम देदार,
भाग्य खील्या ने नीरख्या नयने नाथने,
सीमंधर प्रभुजी उपशम रसना कंद,
जळहळ ज्योति त्रिलोकी जगतारक जिनजी,
नीरख्या ते नीरख्या त्रण भुवनना देव,
हवे न मूकुं जिनजी तरो छेडलो;
विदेही नाथ बिराजे छे अम द्वार,
सद्गुरुजी बिराजे छे अम द्वार.
धन्य घडी धन्य दिवस जन्म कृतार्थ छे.सत्नी.
श्री कुंदकुंददेवस्तवन
(गागर उपर बेठो लीलो हंस रे)
क्यो कुंदकुंददेव कियो तमारो देश रे,
आ क्यां तमारां बेसणां रे;