Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


Page 64 of 253
PDF/HTML Page 76 of 265

 

background image
६४ ][ श्री जिनेन्द्र
महा मांगलिक दिन ऊग्यो ते आजनो,
कुंद मुनिराजने आचार्य पदनो;
शासनरक्षक शिरोमणि संत...आचार्य.
वीर वीतरागी सीमंधर जिणंदना,
अविहड भक्त गुरु कुंदकुंद देवना;
एवा मारा कहान गुरु भरते अजोड....आचार्य.
अखंड धराए समयप्राभृतनी,
कुंद वाणीनी मीठी ए वीरडी,
प्रसरावी गुरुए भरत मोझार;
जय हो जय हो कुंद कहान देव...आचार्य...वीर.
श्री स्तवन
(पूज्य गुरुदेव सौराष्ट्रमां जिनबिंबोनी प्रतिष्ठा करवा जतां
विहार प्रसंगे)
भरतभूमिमां सोना सूरज ऊगीयो रे जिनजी,
सौराष्ट्रदेशमां सद्गुरु विहार
सुरनर आवो आवो
विहार महोत्सव ऊजववा रे जिनजी.
सौराष्ट्रदेशमां जिनालयो गुरु स्थापतां रे जिनजी,
अखंड स्थापे मुक्ति केरा मार्ग....सुर. आ. आ. वि.
शाश्वत स्थापे मुक्ति केरा मार्ग....सुर. आ. आ. वि.
सौराष्ट्रदेशमां सद्गुरु पगलां थतां रे जिनजी,
पगले पगले पृष्पवृष्टि थाय....सुर. आ. आ. वि.
जिनेन्द्र प्रतिष्ठा सन्मुख गुरुजी चालतां रे जिनजी,
थाय छे कोई देवदुंदुभि नाद....सुर. आ. आ. वि.