Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

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जन्म जरा ने मरणनिवारक, आतमज्ञाने भरियारे,
बलिहारी प्रभु तमारा नामने, वारी जाउं गुण-दरियारे; नमुं०
वस्तुतत्त्वनो प्रकाश करता, सुरनर पूजित पाया;
कर्मगजेंद्रनी घटा निवारी, केसरीसिंह जिनरायारे; नमुं०
सर्वगुणोदधि चन्द्रमा जिनजी, देवोमां देव कहाया;
आतमरंगमां भंग न पाड्यो, म्हाल्या अचल सुखरायारे, नमुं०
वही गया काळचक्र अनंता, भेट्यां आ भव महारायां;
म्हेर करो प्रभु! दीन सेवक पर, चरणे प्रेम लगायारे; नमुं०
निश्चय व्यवहारे प्रभुने पूजतां, पातक जाय दुःखदाया;
अरिहंतादिनी आराधनाथी, दास वरे शिवरायारे; नमुं०
श्री नेमिनाथ जिनस्तवन
(रागवासुपूज्य विलासी चंपाना वासी)
श्री नेमिजिनेश्वर, छो जगदीश्वर, वंदीए वारंवार;
जगतना आधार धर्मना दातार वंदीए वारंवार. (टेक)
बाल ब्रह्मचारी नेमिजिनेश्वर, निरखत नयनानंद;
लक्षण-लक्षित निज आतमथी साध्यो? पूर्णानंदरे, श्री०
चंदन समान शांति करनारा, हर्ता कर्मनां वृंद;
द्रष्टि सुधासम वदन मनोहर, सेवे सुरनर वृंदरे. श्री०
परम कृपाळु परम दयाळु, स्वभावे परमानंद;
परम पुरुष परम प्रधान, केवल ज्ञानानंदरे. श्री०
८२ ][ श्री जिनेन्द्र