Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

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आज दर्शन पाया मैंने, प्रभुके दरबारमें (२);
पूरण शशिसम प्रभु रे, सेवक शांति करना. शांति० ७
श्री सीमंधर जिनस्तवन
(काली कमलीवालेए देशी)
प्यारा सीमंधरदेव, जिनने वंदुं वार हजार;
प्रभुने वंदुं वार हजार. (टेक)
चंद्र-सूरज-सम कांति सोहे, भविजननां मनडाने मोहे,
दर्शन आनंदकार, जिनने वंदुं वार हजार. (२) प्या०
भव्यजनोना भव हरनारा, त्रण भुवनमां सुख करनारा;
भवजल-तारणहार, जिनने वंदुं वार हजार. (२) प्या०
मंगल मूरतिनी बलिहारी, हर्षथी वंदे सुरनरनारी,
वाणी आनंदकार, जिनने वंदुं वार हजार. (२) प्या०
शासननायक तुं जगदीवो, जगजनजीवन! चिरंजीवो;
आतमने हितकार, जिनने वंदुं वार हजार. (२) प्या०
आप चरणनी सेवा मागुं, दीनबंधु! तुम चरणे लागुं;
भक्त करो उद्धार, जिनने वंदुं वार हजार. (२) प्या०
श्री मुनिसुव्रत जिनस्तवन
(मन मायाना करनारा रेए देशी)
मुनिसुव्रत जिनरायारे, नमुं शांतिकारक सुखदाया;
भवितारक बिरुद धरायारे; नमुं शांति. (टेक)
स्तवन मंजरी ][ ८१
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