Shri Jinendra Stavan Manjari-Gujarati (Devanagari transliteration).

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आतम-रामी शिवपद-गामी (२)
हरता भव भव पा.....पने जय०
सुख करनारा भविजन प्यारा (२)
जगपति त्रिभुवन ना...थने जय०
अंतरजामी निरमळनामी (२)
जगतगुरु जग ना...थने जय०
कुमत-हरता सुमत-दाता (२)
भवतारक भगवं.....तने जय०
उपशमरसधर मूरति सुंदर (२)
सेवक पूजे अरिहं....तने जय०
श्री सीमंधर जिनस्तवन
(महावीर तमारी मनोहर मूरतिए देशी)
श्री सीमंधरप्रभुनी मनहर मूरति,
देखी मन हरखाय (२) टेक
पूर्ण रवि सम कांति सोहे, देखी भविजननां मन मोहे;
लक्ष्मीथी उत्तम सोहेरे, हुं लागुं लळी लळी पाय. श्री० १
चंद्र निर्मळ कीरति तारी, जगत-जीवना छो उपकारी;
सर्व प्राणी हितकारी रे, हुं लागुं लळी लळी पाय. श्री० २
६८ ][ श्री जिनेन्द्र