
बीजो लावीने नाखीए, हवे ए बीजा अनवस्थाकुंडमांथी एक सरसव
एक द्वीपमां अने एक समुद्रमां ए प्रमाणे नाखता जईए. ए प्रमाणे
करतां करतां ते अनवस्थाकुंडना सरसव ज्यां पूरा थाय त्यां ते द्वीप वा
समुद्रना माप प्रमाणे त्रीजो अनवस्थाकुंड करी तेने पण एवी ज रीते
सरसवथी भरीए, अने एक सरसव शलाकाकुंडमां बीजो लावीने
नांखीए. ए प्रमाणे करतां करतां छेंतालीस अंकप्रमाण अनवस्थाकुंड पूरा
थाय त्यारे एक शलाकाकुंड भराय अने ते वेळा एक सरसव
प्रतिशलाकाकुंडमां नाखवो, ए ज प्रमाणे अनवस्थाकुंड थतो जाय तथा
शलाकाकुंड पण थतो जाय; ए प्रमाणे करतां करतां छेंतालीस अंकप्रमाण
शलाकाकुंड भराई जाय त्यारे एक प्रतिशलाकाकुंड भराय. ए प्रमाणे
अनवस्थाकुंड थतो जाय, शलाकाकुंड भरातो जाय तथा प्रतिशलाकाकुंड पण
भरातो जाय. ज्यारे छेंतालीस अंकप्रमाण प्रतिशलाकाकुंड भराई जाय
त्यारे एक महाशलाकाकुंड भराय. ए प्रमाणे करतां छेंतालीस अंकोना
घनप्रमाण अनवस्थाकुंड थया. तेमां छेल्लो अनवस्थाकुंड जे द्वीप वा
समुद्रना माप प्रमाणे बन्यो तेमां जेटला सरसव समाय तेटलुं जघन्य
परीतासंख्यातनुं प्रमाण छे.
संख्यातना भेद जाणवा.
जे राशि आवे तेने जघन्य युक्तासंख्यात कहीए छीए, तेमांथी एक
रूप घटाडतां उत्कृष्ट परीतासंख्यात कहेवाय अने मध्यना नाना (अनेक)
भेद जाणवा.