Tattvagyan Tarangini-Gujarati (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


Page 112 of 153
PDF/HTML Page 120 of 161

 

background image
११२ ][ तत्त्वज्ञान-तरंगिणी
अर्थ :भवसागरमां डूबता सर्व भव्यजीवो विशुद्धतारूप
नौकानो ज अहीं आश्रय ल्यो; अधिक कहेवाथी शुं (लाभ)? २२.
आदेशोऽयं सद्गुरूणां रहस्यं सिद्धांतानामेतदेवाखिलानां
कर्तव्यानां मुख्यकर्तव्यमेतत्कार्या यत्स्वे चित्स्वरूपे विशुद्धिः ।।२३।।
निज चिद्रूप विशुद्धि साधाो, सर्व कार्यमां ए ज प्रशस्य,
सद्गुरुनो आदेश ए ज ने, ए ज सर्व सिद्धांत रहस्य. २३.
अर्थ :आ सद्गुरुओनी आज्ञा छे, समस्त सिद्धांतोनो आ ज
सार छे, कर्तव्योमां मुख्य कर्तव्य आ छे के पोताना चिद्रूप आत्मामां
विशुद्धि करवी. २३.