Yogsar Doha-Gujarati (Devanagari transliteration). AnukramanikA.

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अनुक्रमणिका
विषय
गाथा नं. पृष्L नं.
म्
ांगलाचरण .................................................................. १ ---------- १
श्री अरहंत भगवानने नमस्कार ........................................ २ ---------- २
आ ग्रंथ रचवानुं निमित्त अने प्रयोजन ............................. ३ ---------- २
आवा भयंकर संसारमां जीवने रखडवानुं कारण ................... ४ ---------- ३
त्यारे जीव चार गतिमां भमतो केम अटके? ....................... ५ ---------- ३
हवे ए चिंतन केम करवुं ते कहे छे .................................. ६ ---------- ४
हवे बहिरात्मानुं स्वरूप कहे छे ........................................ ७ ---------- ४
हवे अंतरात्मानुं स्वरूप वर्णवे छे ...................................... ८ ---------- ५
परमात्मानुं स्वरूप ......................................................... ९ ---------- ५
बहिरात्मा परने पोतारूप माने छे................................... १० ---------- ६
गुरु-उपदेश ................................................................ ११ ---------- ६
आत्मज्ञानी ज निर्वाण पामे छे ...................................... १२ ---------- ७
इच्छा वगरनुं तप ज निर्वाणनुं कारण छे ......................... १३ ---------- ७
बंध अने मोक्षनुं कारण ............................................... १४ ---------- ८
पुण्यथी पण मुक्ति नथी................................................ १५ ---------- ८
एक आत्मदर्शन ज मोक्षनुं कारण छे ............................... १६ ---------- ९
शुद्ध आत्माने जाणवो ते ज खरेखर मोक्ष
पामवानो उपाय छे .............................................. १७ -------- १०
हेय-उपादेयने जाणनार गृहस्थ पण
निर्वाणपदने पामे छे............................................. १८ -------- १०
जिनेन्द्रनुं स्मरण परमपदनुं कारण छे ............................. १९ -------- ११
पोतानो शुद्ध आत्मा अने जिनवरमां
कांई पण भेद नथी ............................................. २० -------- ११
जिन ते ज आत्मा छे, ए सिद्धान्तनो सार छे .................. २१ -------- १२
हुं ज परमात्मा छुं ...................................................... २२ -------- १२
आत्मा लोकप्रमाण असंख्यात प्रदेशी छे ............................ २३ -------- १३
निश्चयथी आत्मा लोकप्रमाण छे अने
व्यवहारथी स्वशरीर प्रमाण छे .............................. २४ -------- १३