Atmadharma magazine - Ank 316
(Year 27 - Vir Nirvana Samvat 2496, A.D. 1970)
(Devanagari transliteration).

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: महा : २४९६ : ३१ :
ज्ञाननी तेवी कचाश छे तेथी नथी देखाता, परंतु ते स्वर्ग–नरक छे तो खरा ज. आ
संबंधी गुरुदेव घणीवार युक्तिथी पण समजावे छे के–
एक माणस अत्यारे कतलखानां चलावे छे, क्रूर हिंसाना परिणामथी महापापो
करे छे अने छतां अत्यारे ते लाखो–करोडो रूपिया कमातो होय छे, बंगला–मोटरमां
महालतो होय छे, ए रीते पुण्यनां फळने भोगवी रह्यो छे; हवे वर्तमानमां करे छे तो
पाप, अने भोगवे छे पुण्यने; तो आ पापनुं फळ शुं तेने नहि आवे? आवशे ज; पूर्वे
कोई पुण्य करेला तेनुं फळ तेने अत्यारे देखाय छे. अने लाखो जीवोनी हिंसाना जे तीव्र
पापभाव अत्यारे सेवी रह्यो छे तेनुं फळ तो ते नरकस्थानमां भोगवशे. आपणी आ
पृथ्वीनी नीचे घणे दूर नरकनां सात स्थानो छे ने त्यां असंख्यातजीवो पापनुं फळ वेदी
रह्या छे. ने उपर देवलोकनां स्थानो छे. सूर्य–चंद्र–तारा वगेरे देखाय छे ते पण
ज्योतिषी नामनां देवोनां स्थानो ज छे. तेमां देवो रहे छे; मनुष्यो त्यां नथी रहेता.
उपर जेम पापी जीवनुं द्रष्टांत आप्युं; तेम कोई जीव वर्तमानमां दया वगेरे शुभ
परिणाम करतो होय, पुण्य करतो होय, छतां अत्यारे ते दरिद्री दुःखी होय तो शुं ते
पुण्यनुं फळ छे? ना; पूर्वे तेणे कोई पाप करेला तेनुं फळ छे, ने अत्यारे जे पुण्यभाव छे
तेनुं फळ तो स्वर्गमां आवशे.
एक माणसे एक खून कर्युं, ते पकडाय ने कोर्टमां साबित थाय तो कदाच तेने
एकवार फांसी आपे; हवे बीजा माणसे एक नहि पण लाखो माणसोना निर्दयपणे खून
कर्या होय, ने ते पकडाय, तो तेने पण एकवार फांसी आपे. (केमके कांई बे वार फांसी
नथी आपी शकाती!)–तो एक खून करनारने एटली सजा ने लाखो खून करनारने
पण एटली सजा,–एमां शुं कुदरतनो न्याय जळवाय छे?–ना; अहींनुं राज भले एना
गुनानी पूरी सजा न करी शके, पण कुदरतना न्यायमांथी ते छूटी नहि शके. (अहीं तो
कदाच हजारो खून करवा छतां निर्दोष पण छूटी जाय, पण कुदरतना कानुनमांथी ते
छटकी नहीं शके.) नरकमां जईने पोताना पापनी पूरी सजा ते भोगवशे.
आ रीते पुण्य के पाप जेवा भावो जीव करे तेवुं फळ पण ते भोगवे छे, जीव
पोते एक गतिमांथी बीजी गतिमां पुनर्जन्म धारण करे छे. पूर्वे थई गयेला पापोने
वर्तमानमां आत्मज्ञान वगेरे द्वारा छेदी पण शकाय छे. सम्यग्दर्शन–ज्ञान–चारित्र वडे
ज्यारे पाप अने पुण्य बंनेथी रहित दशा प्रगटे त्यारे जीव मुक्ति पामे छे एटले के
मोक्षदशा पामे छे, पोते भगवान थाय छे, परमात्मा थाय छे.