आमंत्रण आपवामां आव्युं हतुं. ते वखते तेओए जे व्याख्यान आपेलुं ते अहीं रजु करवामां आवेल छे.
आवे तो खोटो छे. दा. त. ‘ईंग्लांड जर्मनी सामे लडे छे.’ आवुं कथन लोकोमां प्रसिद्ध छे, पण तेनो अर्थ शब्द
प्रमाणे करवामां आवे तो ते असत्यार्थ छे, माटे तेनो परमार्थ शुं छे ते समजी परमार्थ अर्थ करे तो खरो छे;
नहीं तो अर्थ खोटो छे, अने खोटाने खरो मानवामां आवे तो अनादिनी भ्रमणा ऊभी रहे; अने व्यवहार
वचनो ज जाणे निश्चयनां वचनो छे एवो शास्त्रनो अर्थ करी ते भ्रमणाने पोषे तो पोताने शास्त्रनो अभ्यास
छे एवो गर्व आव्या वगर रहे नहीं. जैन शास्त्रनो अर्थ केवी रीते करवो तेनी रीत श्री मोक्षमार्ग प्रकाशकमां
पाने–२५६ मां आपवामां आवी छे अने ते नीचे मुजब छे.
जाणवानुं नाम ज बन्ने नयोनुं ग्रहण छे, पण बन्ने नयोना व्याख्यानने समान सत्यार्थ जाणी ‘आ प्रमाणे
पण छे, अने आ प्रमाणे पण छे’ एवा भ्रमरूप प्रवर्तवाथी तो बन्ने नयो ग्रहण करवा कह्या नथी.”
उपरनुं लक्ष छोडी निश्चय उपर लक्ष आपवुं अने तेवुं लक्ष आपतां शुद्ध अवस्था प्रगटे छे; ज्यारे भेद–भंग,
विकार, निमित्त वगेरे उपर लक्ष देतां विकारी अवस्था प्रगटे छे; निमित्तथी लाभ–नुकसान मानवामां आवे तो
प्रतीति (द्रष्टि) नो दोष आवे छे, अने निमित्त छे ज नहीं एम जे जाणे ते ज्ञाननो दोष छे; माटे दर्शन अने
ज्ञान बन्ने दोष रहित होवां जोईए, एटले के ते सम्यग्दर्शन–सम्यग्ज्ञानरूप होवा जोईए; एम होय त्यारे ज
जीवनुं त्रिकाळी टकतुं धु्रव स्वरूप छे ते उपर लक्ष (वलण) रह्या करे छे, अने तेथी सम्यक् चारित्र प्रगटे छे. जैन
शास्त्रोमां जीव, तेनी विकारी अवस्था, अविकारी अवस्था, कर्मोनी साथेनो निमित्त–नैमित्तिक संबंध अजीव
वगेरे वैज्ञानिक रीते सिद्ध कर्युं छे. जैन ते कर्मवादी दर्शन नथी पण आत्मवादी दर्शन छे.
होय तो आ जगतमां ‘अज्ञान’ पण न होय; अने सम्यग्ज्ञान कहो के जैन धर्म कहो, बन्ने एक ज छे अने तेथी
जैनधर्म अनादिथी छे, अने अनंतकाळ सुधी रहेशे. मनुष्य क्षेत्रना अमुक काळे ते न होय ते बने, पण सर्व
मनुष्य क्षेत्रे अने सर्व काळे अज्ञान होय तेम बने नहीं; जो तेम बने तो ‘अज्ञान छे’ एम नक्की कोणे कर्युं?
सम्यग्ज्ञान ज सत्यज्ञान अने अज्ञानने नक्की करे छे. अमुक मनुष्य क्षेत्रे केटलोक वखत सम्यग्ज्ञान न होय तेम
बने, पण ते क्षेत्रे वळी अमुक वखते एक जीव पोतानी उन्नति साधतो साधतो तेवो मनुष्य क्षेत्रमां जन्मे अने
त्यां पोतानी उन्नति पूरी करी केवळ ज्ञान प्रगटे, ते वखते ते