हतो, पेपर ५० मार्कसनो हतो. भाईश्री न्यालचंदे संपूर्ण साचा जवाबो लखी पूरा पचास मार्कस मेळव्या
हता.
प्र. १. (क) व्हेला उठीने स्मरण करवा योग्य एवुं कोई पण स्तुतिनुं एक पद लखो.
(ख) आत्मा ज्ञान स्वरूप ज छे एवा आशयनो एक श्लोक अर्थ सहित लखो.
(ग) आत्मा नित्य छे तेनी सिद्धि करो.
(घ) श्री आत्मसिद्धिशास्त्रना आधारे निजज्ञान प्रगटावनी रीत लखो.
प्र. २. नीचेना प्रश्नोमांथी गमे ते चारना जवाब लखो.
(१) पर्याय एटले शुं? व्यंजन पर्याय अने अर्थ पर्याय एटले शुं? ते दाखला सहित समजावो.
(२) सामान्य गुण कोने कहे छे? मुख्य सामान्य गुणो केटला छे? तेना नाम लखो.
(३) ज्ञानना अने दर्शनना भेद केटला छे? तेना नाम आपो.
(४) कया गुणने लीधे पोतानो आत्मा पोताने जणाय. वस्तुमां एवो क्यो गुण छे के जेथी एक गुण
परमाणु, प्रदेश, चारित्र.
(६) सद्गुरु कया लक्षणे ओळखाय?
प्र. ३. नीचेमांथी गमे ते चारना जवाब आपो.
(१) पंच परमेष्टीमां देव केटला छे? ते देवनुं लक्षण शुं? लोको साचुं सुख पामे ते माटे तीर्थंकर देवने
प्र. ४. नीचेमांथी गमे ते छ वाक्यो खाली जग्या पूरी फरीथी लखो.
(१) व्यवहार नयथी आत्मा.......नो कर्ता छे. अने अशुद्ध निश्चयथी.......नो कर्ता छे.
(२) शुभ अने अशुभ परिणामने....मोक्ष थाय छे. (३).......... आत्मानी श्रध्धा ते सम्यकत्व छे.
(४) परमार्थे............जीव असंग छे.
(प) जे जीव........ने जीननुं वर्णन समजे अने........ना ज्ञानने श्रुतज्ञान समजे ते जीव.......कहेवाय.
(६) सुखगुण...............द्रव्यनो छे.
उत्तर–१ (क)