जीव अ व्यवहारनुं निश्चयनुं कथन अने निश्चय व्यवहारनी संधि व्यवहारना कथननो
जीवनां कथन व्यवहारनो निषेध खरो अर्थ
दृष्टांतो
१ नाथानो घडो माटीमय छे घडानी मालीकी नाथो घडो माटीनो छे, ना–
घडो नाथामय नथी. माने छे. बन्ने एक थानो नथी. नाथो
आकाश क्षेत्रे नथी. स्व मालीकी माने छे तेथी
अने पर बन्ने प्रदेशे बोलाय छे. लौकिक मा–
भिन्न छे छतां लोक लीकी बताववा माटे
व्यवहार माटे बोलवानी आ कथन छे एम तेनो
प्रसिद्ध रीत छे. अर्थ करे तो खरो छे
भाषाना कथन प्रमाणे
अर्थ करे तो साचो नथी.
२ वहुनी साडी साडी वस्त्रमय छे,
वहुमय नथी. ,, ,,
३ भाईना चश्मा धातुमय छे
चश्मा भाईमय नथी. ,, ,,
४ भीमजीभा– शेरी आकाशमय छे, भीमजीभाई शेरीमां प्र– शेरी एखुल्ली जग्या
ईनी शेरी भीमजीभाईमय तिष्ठित माणस वर्तमान छे. भीमजीभाई ते शेरी
नथी. छे अगर भूतमां हता ना प्रतिष्ठित गृहस्थ
बंने एक आकाशक्षेत्रे होवाथी ते नामे ओ–
नोंध:– नथी. स्वक्षेत्रे अने पर ळखाय छे एम अर्थ
उपर प्रमाणे ‘मास्तरनी लाकडी क्षेत्रे भिन्न छे, छतां करे तो खरो छे शेरी
‘साहेबनी कचेरी’ ‘राजानुं लोक व्यवहार माटे बो– भीमजीभाईनी बनेली
गाम’ ‘मारो देश’ वगेरे कथ– लवानी पद्धति छे. छे एम अर्थ करे तो
नमां पण समजी लेवुं. ते खोटुं छे.
एक व्यवहारनुं निश्चयनुं कथन व्यवहारना कथननो खरो
आका कथन अने व्यवहारनो निश्चय व्यवहारनी संधि अर्थ
श क्षेत्रे निषेध
जीव शरीर जडनुं बनेलुं छे शरीर अजीवनुं बनेलुं
अजीव जीव भूलथी ते पोतानुं छे, जीवनुं बनेलुं नथी
नां माने छे. आकाशना पण जीव भुलथी पोता
दृष्टांत एक क्षेत्रे बंने अवगाहे नुं माने छे, अने आ
छे. पोतपोताना क्षेत्र काशना तेज क्षेत्रने रोके
१ जीवनुं शरीर पुद्गलमय जुदा छे. पण आकाशनुं छे तेवो अर्थ करे तो
छे. जीवमय नथी एक क्षेत्र रोकयुं छे ते साचो छे. शब्द प्रमाणे
बताववा पूरतो ते अर्थ करे तो खोटो छे.
व्यवहार साचो छे.
२ पंचेन्द्रिय जीव चेतनमय छे, जीव चेतनमय छे, पं–
जीव पंचेन्द्रियमय नथी चेन्द्रिय ते जीव नथी.
ईन्द्रियो जड छे ए ,,
रीते उपरनी मतलबे
समजी लेवुं.
३ सचेतन शरीर जडमय छे. शरीर जडमय छे, स– शरीर खरेखर सचेतन
शरीर सचेतनमय चेतनमय नथी. बीजुं थयुं छे अथवा तो
नथी. उपरनी मतलबे सम– अनंतमे भागे शरीर
जवुं. सचेतन थयुं छे एम
जीव जे आकाश क्षेत्रे मानवुं ते भुल छे; पण
छे ते आकाश क्षेत्रे श उपरनी मतलबे समजवुं
४ जीव धोळो धोळो ते शरीरनो शरीरनी स्थिति छे तेथी
रंग छे, तेथी तेना रंगने जीवनो रंग जीव धोळो नथी, धोळुं
धोळो ते पुद्गल उपचारथी कह्यो छे जीव खरेखर शरीर छे आम
ना रंगमय छे धोळो थयो नथी. हकीकत छे.
जीवमय नथी. विशेष उपरनी मतलबे विशेष उपरनी मतलबे