श्रद्धाथी भ्रष्ट छे–एटले के जैनदर्शनथी भ्रष्ट छे. स्वतंत्र द्रव्यनुं कार्य पण स्वतंत्र पणे ज थाय छे. हाथ हाल्यो ते कारणे
लाकडी ऊंची थाय छे–एम माननारे लाकडीना परमाणु द्रव्योनी स्वतंत्रता मानी नथी. लाकडी ऊंची थई ते पोतानी
स्वतंत्रताथी ज थई छे अने हाथ ऊंचो थयो ते पोतानी स्वतंत्रताथी ज थयो छे. बन्नेनी स्वतंत्रता पोतपोतामां छे. कोई
पण द्रव्यने जे पराधीन माने छे ते पोताने पण पराधीन माने छे. आत्मामां साची श्रद्धा प्रगट करवानी लायकात होय तो
प्रथम सत्देव, गुरु, शास्त्र तरफ तेनुं लक्ष गया वगर रहे नहि. अज्ञानीओ एम ज कहे छे के निमित्त होय तो लाभ थाय,
निमित्त न होय तो लाभ के कार्य न थाय. ए वात पण खोटी छे. ज्यारे जे वस्तुमां जे कार्य थवानी लायकात होय ते ज
समये ते वस्तुमां ते कार्य थाय ज. अने ते वखते योग्य उपस्थित पदार्थने निमित्त कहेवाय. आवुं वस्तु स्वरूप नहि
समजनार, साचा जैन संप्रदायनी बाह्य मान्यता धरावता होय तोपण ते दर्शनभ्रष्ट छे. नव तत्त्वने बराबर जाणे, पुण्यने
पुण्य तरीके जाणे पण तेने धर्म न जाणे, शरीरनी क्रियानो कर्ता आत्माने न माने–ते पण व्यवहार श्रद्धा छे, अने ए बधा
भेद–भंगनुं लक्ष छोडीने अभेद आत्मानी निर्विकल्प श्रद्धा ते ज परमार्थ सम्यग्दर्शन छे. जो व्यवहार श्रद्धाने
परमार्थश्रद्धानुं कारण मानीने ते व्यवहारमां ज अटकी जाय तो तेने पण धर्म थतो नथी केम के तेने श्रद्धारूपी मूळ सडेलुं छे.
लोको मात्र संप्रदायथी ज जैनदर्शनने माने छे, पण आत्मस्वभावनी श्रद्धा ए ज साचुं जैनदर्शन छे–ए वात भूली जाय
छे. समयसारजीनी १प मी गाथामां कह्युं छे के जे शुद्ध आत्माने देखे छे ते समस्त जैनशासनने देखे छे.
ग्रहण त्याग रहित छे एनी ओळखाण वगर सम्यग्दर्शन होय नहि. सम्यग्दर्शन वगर शेनी पडिमा अने कोनो त्याग?
हजी साची समजणरूपी मूळ तो छे नहि तो व्रत, पडिमा अने त्यागरूपी डाळी क्यांथी फूटवा मांडी? ‘
धर्म कहेवामां आव्यो नथी. रागरहित परिपूर्ण स्वभावनी श्रद्धा–ज्ञान अने वीतरागता ते ज जैनधर्म छे.
कूळना रिवाज मुजब देव–गुरु–शास्त्रने मानी ल्ये तेने धर्मनी दरकार नथी. घणा कहे छे के लौकिकमां आबरू राखवा खातर
पण कूळधर्मना देव–गुरु–धर्मने छोडाय नहि, पण भाई रे असत्ना पोषण करी करीने तुं तारा आत्मानुं ज अहित करी
रह्यो छो अने निगोदनी तैयारी करी रह्यो छो, ते वखते तारी आबरू क्यां रहेशे? जगतने खातर पोताना
आत्मकल्याणनो मार्ग छोडाय नहि, पण आत्मकल्याण माटे जगतनी दरकार छोडी देवी जोईए.