६. प्रदशत्व गणन समजण बालवभिाग
अत्यार सुधीमां अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व प्रमेयत्व अने अगुरुलघुत्व ए पांच गुणोनी समजण आपी छे.
छठ्ठो प्रदेशत्व गुण छे. आ छए गुणो दरेक वस्तुमां रहेला छे तेथी तेने सामान्य गुण कहेवाय छे. आ छ सिवाय
बीजा पण अनेक सामान्य गुणो छे, पण तेमांथी आ छ गुणोनी समजण करवानी खास जरूर छे.
२. आपणने जेटली वस्तुओ देखाय छे तेमां कोई लांबी होय छे, कोई टुंकी होय छे, कोई गोळ होय छे,
कोई चोरस होय छे–एम दरेक वस्तुने कोईक ने कोईक आकार होय छे. कोई पण वस्तु आकार वगरनी
देखवामां आवती नथी. दरेक वस्तुने पोतानो आकार होय छे. रूपियानो आकार गोळ छे, बे–आनीनो चोरस
आकार छे, तेम आत्माने पण आकार छे. दरेक वस्तुमां एवी एक शक्ति छे के तेथी तेने कोई ने कोई आकार
होय ज छे; ए शक्तिने ‘प्रदेशत्व गुण’ कहेवाय छे.
३. ‘अरे, आत्माने पण आकार होय?’ एम कोईने आश्चर्य थशे. पण आत्मा वस्तु छे के नहि? हा,
आत्मा वस्तु छे. जे वस्तु होय तेने आकार होय छे.
४. ‘आत्मा तो अरूपी छे माटे तेने आकार न होय एम घणा माने छे, तेनी मान्यता जूठी छे. आत्मा
अरूपी छे पण ते एक वस्तु छे ने दरेक वस्तुमां प्रदेशत्वगुण छे, तेथी आत्माने पण आकार छे. अरूपी वस्तुनो
आकार अरूपी होय छे, ने रूपी वस्तुनो आकार रूपी होय छे. आत्मानो आकार अरूपी होवाथी ते आंखथी
देखी शकतो नथी, पण ज्ञानथी तेनी ओळखाण थई शके छे.
५. हवे तमने एवी जिज्ञासा थशे के आत्मानो आकार केवो हशे? लगभग शरीरना आकार जेवो ज
आत्मानो आकार होय छे. जेम पाणीने पण आकार छे........ चोरस ठाममां रहेला पाणीनो आकार चोरस होय
छे, गोळ ठाममां रहेला पाणीनो आकार गोळ होय छे. तेम आत्मा पण जेवा जेवा शरीरमां रह्यो होय तेवो
तेवो तेनो आकार होय छे. हाथीना शरीरमां रहेला जीवनो आकार हाथी जेवो मोटो, ने कीडीना शरीरमां रहेला
जीवनो आकार कीडी जेवो नानो होय छे. पण शरीरनो अने आत्मानो आकार जुदो जुदो ज छे, शरीरनो
आकार शरीरमां छे ने आत्मानो आकार आत्मामां छे. जडनो आकार जड छे, ने चेतननो आकार चेतन छे.
अरूपीनो आकार अरूपी छे ने रूपीनो आकार रूपी छे.
६. एक जीवनो हाथी जेवो आकार होय ने बीजा जीवनो कीडी जेवो आकार होय–तोपण ते बंने जीवना
प्रदेश तो सरखा ज होय छे. दरेक जीवने असंख्य प्रदेश होय छे. सौथी ओछामां ओछी जग्या रोके तेने एक
प्रदेश कहेवाय छे. एवा प्रदेशथी जीवने मापीए तो दरेक जीव असंख्य–प्रदेशवाळो छे. हाथीना जीवमां कोई
वधारे प्रदेश नथी ने कीडीना जीवमां कांई ओछा प्रदेश नथी–बंनेमां सरखा छे. जे नानो–मोटो आकार छे ते
बंने प्रदेशत्व गुणनो फेरफार (पर्याय) छे–
७. सिद्धभगवानने शरीर होतुं नथी. छतां तेमना आत्माने य आकार होय छे. सिद्धना आत्माने केवो
आकार हशे? तेमने पहेलांं अरिहंतदशामां जे शरीर हतुं ते शरीर जेवो लगभग आकार होय छे.
सिद्धभगवानने ‘निराकार’ कहेवाय छे, त्यां एम समजवुं के–तेमने आंखेथी देखाय तेवो आकार नथी तेथी
तेओने निराकार कहेवाय छे. पण तेमने आत्मामां प्रदेशत्व गुणने लीधे चोक्कस आकार होय छे. जो आकार न
होय तो वस्तु ज न होय.
८. कोई जीवनो आकार नानो होय ने कोई जीवनो मोटो होय, कोईनो एक फूट होय ने कोईनो हझारो
फुट होय–पण बधा आत्माना मूळ प्रदेशो तो सरखा ज छे. मात्र तेनो आकार संकोच–विस्तार पामे छे, पण
मूळ प्रदेशोनी संख्यामां वधघट थती नथी. जेम रब्बरना फूगामां पवन भरतां
(अनुसंधान टाईटल पानु छेल्लुं)
मुद्रक: चुनीलाल माणेकचंद रवाणी, शिष्ट साहित्य मुद्रणालय, मोटा आंकडिया, सौराष्ट्र ता. ३–८–४८
प्रकाशक: श्री जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट सोनगढ वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, मोटा आंकडिया, काठियावाड