Atmadharma magazine - Ank 087
(Year 8 - Vir Nirvana Samvat 2477, A.D. 1951).

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श्र स्त्र
हिन्दी – प्रकाशन
समयसार–प्रवचन [भाग–१] [पू० श्री कानजी स्वामी कृत प्रवचन]
मूल्य ६–०–०
समयसार–प्रवचन [भाग–२] [पूज्य श्री कानजी स्वामी कृत प्रवचन]
मूल्य ६–८–०
समयसार–प्रवचन (भाग રૂ, ) तैयार हो रहे हैं।
मोक्षशास्त्र–टीका तैयार हो रहा है।
भेदविज्ञान सार [पूज्य श्री कानजी स्वामी के धार्मिक महोत्सव के दिनों
में समयसार पर प्रवचन] छप रहा है।
जैन बालपोथी ०–४–०
मुक्ति का मार्ग [सत्तास्वरूप पर प्रवचन] ०–१०–०
मूल में भूल [उपादान–निमित्त संवाद] ०–१२–०
वस्तुविज्ञान सार [जैन गीता] जिज्ञासुओं को भेट
नंदीश्वर–द्वीप पूजन ०–१२–०
दशलक्षण–धर्म प्रवचन ०–१२–०
मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें (आत्मधर्म के ग्राहकों को भेट)
१–२–०
प्रवचनसार
(अक्षरशः हिन्दी अनुवाद) ६–८–०
आत्मधर्म की फाइळें ३–१२–०
[इस शास्त्रमाला की ५४ पुस्तकें प्रसिद्ध हो चुकी हैं। उपरोक्त
पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें गुजराती भाषा में हैं, उनका
सूचीपत्र मंगा सकते हैं।]
प्राप्तिस्थान–
श्री जैन स्वाध्यायमन्दिर ट्रस्ट
सोनगढ (सौराष्ट्र)