एवां त्रिलक्षणवाळी ज छे.
लक्षण छे ने परिणाम ते लक्ष्य छे. परिणाम कोई बीजा पदार्थने लईने थता नथी पण ते स्वयं पोताना
अवसरमां सत् छे. भगवाननी वीतरागी मूर्तिने कारणे के गुरुना उपदेशने कारणे जीवने रागना के ज्ञानना
परिणाम थया–एम नथी. तेम ज पर जीव बच्यो माटे अहीं अनुकंपाना भाव थया–एम नथी. पण जीवना
प्रवाहक्रममां ते ते भाववाळा परिणाम सत् छे. कोई पण द्रव्यना परिणामनी सळंग धारामां एक पण समयनी
त्रूट पडती नथी. जो आम परिणामने ओळखे तो ते परिणामोना प्रवाहमां वर्तता द्रव्यने पण ओळखे, केम के
पोताना परिणामना स्वभावने कोई द्रव्य छोडतुं नथी उलंघतुं नथी.
तो द्रष्टांत छे.) तेम अंतरना चैतन्य–हीराने परखवानी कळामां ज धर्मनी कमाणी थाय तेम छे. ए सिवाय कोई
बाह्य क्रियाकांडथी के शुभरागथी धर्मनी कमाणी थती नथी. जुओ, आ तो द्रव्यानुयोगनो सूक्ष्म विषय छे एटले
अंदर झीणी द्रष्टि करे तो समजाय तेवुं छे.
व्यय ने धु्रव एम त्रण जुदा जुदा लक्षण नथी पण उत्पाद, व्यय ने धु्रव ए त्रणे थईने द्रव्यनुं एक लक्षण छे.
जाय छे, ने द्रव्यनाअलक्षे सम्यक्त्व ने वीतरागता थाय छे, ते ज धर्म छे.
परिणाम वडे पुद्गल द्रव्यनी सत्ता ओळखाय छे, पण तेना वडे जीवना धर्मपरिणाम ओळखाता नथी. रोटला न
आव्या–त्यां पुद्गलद्रव्य ज तेनी परिणामधारामां वर्ततुं थकुं ते परिणाम वडे लक्षित थाय छे. अने ते वखते
आत्मा पोताना ज्ञानादि परिणाम वडे लक्षित थाय छे. जे द्रव्यना जे परिणाम होय तेना वडे ते द्रव्यने
ओळखवुं जोईए, तेने बदले एक द्रव्यना परिणाम बीजा द्रव्ये कर्या–एम जे माने छे तेणे वस्तुना परिणाम
स्वभावने जाण्यो नथी एटले के सत्ने ज जाण्युं नथी. वस्तु सत् छे, ने सत्नुं लक्षण उत्पाद–व्यय–धु्रव छे,
एटले वस्तुमां स्वभावथी ज समये समये उत्पाद–व्यय–धु्रव थयां ज करे छे, तो बीजो तेमां शुं करे? –कां तो
ज्ञाता रहीने वीतरागभाव करे, ने कां तो फेरफार करवानुं अभिमान करीने मिथ्याभावने करे, पण पदार्थमां तो
कांई पण फेरफार करी शकतो नथी.
परिणामने लीधे द्वारिका सळगी–एम पण नथी. द्वारिका नगरीनो एकेक पुद्गल पोताना परिणामनी धारामां
वर्ती रहेल द्रव्य छे. तेना प्रवाहक्रममां तेना स्वकाळे तेना परिणाम थया छे. ने व्रत के क्रोधादि जीवना परिणाम
थया तेमां ते जीवद्रव्य वर्ते छे. सौ द्रव्य पोत–पोताना परिणाममां भिन्न भिन्न वर्ते छे. तेमा एकना
परिणामने लीधे बीजाना परिणाम थाय के अटके एम माननार मूढ छे; भगवाने कहेला त्रिलक्षण
वस्तुस्वभावने तेणे नथी जाण्यो.