Atmadharma magazine - Ank 090
(Year 8 - Vir Nirvana Samvat 2477, A.D. 1951)
(Devanagari transliteration).

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: १२४ : आत्मधर्म : ९०
(२) श्री समवसरण मंदिर (धर्मसभा):
तेमां भगवान श्री सीमंधर प्रभुना समवसरणनुं, तेम ज श्री कुंदकुंदाचार्यदेव सीमंधर भगवानना दर्शन
करी रह्या छे तेनुं, सुंदर द्रश्य छे. सौराष्ट्रमां आ समवसरण ए एक खास जोवालायक धार्मिक वस्तु छे. दूरदूरना
भक्तजनो आ समवसरणनी रचना देखीने अति प्रसन्न थाय छे.
(३) जैन स्वाध्याय मंदिर:
तेमां परम पूज्य श्री कानजीस्वामी बिराजे छे, अने तेमां श्री समयसारजीनी स्थापना पण छे. पू.
गुरुदेवश्रीनां हंमेशना प्रवचनो अने तत्त्वचर्चा आ स्वाध्याय मंदिरमां थाय छे. स्वाध्याय मंदिरनी दीवालो
धार्मिक सूत्रो अने चित्रोथी सुशोभित छे.
(४) भगवान श्री कुंदकुंद–प्रवचन मंडप:
खास धार्मिक प्रसंगोमां ज्यारे बहारगामना हजारो जिज्ञासुओ एकत्रित थाय छे त्यारे आ
‘प्रवचनमंडप’मां प्रवचनो वंचाय छे. ए उपरांत हजारो पुस्तकोना संग्रहरूप ‘सरस्वती भंडार’ पण आ
प्रवचनमंडपमां छे. सुंदर धार्मिक चित्रो अने सूत्रोथी, तेम ज कलामय भव्य प्रवेशद्वारथी आ मंडप घणो
सुशोभित अने दर्शनीय छे.
(प) श्री कुंदकुंदश्राविका
शाळा:
बहेनोना
स्वाध्यायादि माटे आ
स्थान तैयार थयुं छे.
(६) श्रीजैन अतिथि
सेवा समिति:
तेमां, बहारगामथी
आवनारा जिज्ञासु
महेमानोने माटे
उतारानी तेम ज
भोजनादिनी व्यवस्था
छे.
* प्रवचन मंडपनी
पांचमी वार्षिक
जयन्ती फागण सुद
एकमने दिवसे हती.
भगवानश्री कुंदकुंद–प्रवचन मंडप : सोनगढ
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