सुवर्णपुरी समाचार
[अषाढ वद ८]
* परम पूज्य गुरुदेवश्री सुखशांतिमां बिराजे छे.
* धार्मिक दिवसो अने दसलक्षणधर्म: मुमुक्षुओनी सगवडता खातर,
सोनगढमां दर वर्षे जे रीते धार्मिक दिवसो मनाय छे ते रीते आ वर्षे पण
ता. २९–८–५१ श्रावण वद १२ ने बुधवारथी ता. ५–९–५१ भादरवा सुद
४ ने बुधवार सुधी धार्मिक दिवसो गणवामां आवशे, तेम ज त्यारपछी
सनतान जैनधर्मना पर्युषण–दसलक्षणधर्म : पण भादरवा सुद ४थी शरू
करीने ऊजवाशे. [वचमां एक तिथि घटती होवाथी आ वखते
दसलक्षणधर्मनी शरूआत एक दिवस अगाउथी थाय छे.]
* श्री जैन अतिथि सेवा समितिनी वार्षिक बेठक भादरवा सुद २ ने
सोमवार ता. ३–९–५१ ना रोज सांजे पांच वागे थशे.
* हाल सवारना प्रवचनमां प्रवचनसारनुं परिशिष्ट बीजी वखत वंचाय छे;
थोडाक दिवसोमां ते पूरुं थशे. त्यारबाद वच्चेना थोडा दिवसो कांईक अन्य
वांचन थशे. अने पछी नियमसार–गुजराती प्रसिद्ध थई जतां तुरत तेना
उपर प्रवचनो शरू थशे.
* बपोरना प्रवचनमां समयसार (नवमी वखत) वंचाय छे, तेमां हाल
बंध–अधिकार चाले छे. आ उपरांत रात्रिचर्चा, भक्ति वगेरे कार्यक्रम हंमेश
मुजब चाले छे.
* पवित्र परमागम श्री नियमसारजीना गुजराती अनुवादनुं छापकाम
लगभग पूरुं थयुं छे; भादरवा सुद पांचम दरमियान आ शास्त्र प्रसिद्ध
थई जशे. तेनी किंमत घटाडवा माटे मुमुक्षुओ तरफथी लगभग २७००
रूपियानी मदद मळी छे.
* अष्टाह्निकापर्व अषाड सुद ७थी १प सुधी ऊजवायुं हतुं, तेम ज अषाड वद
एकमे “श्री वीरशासन जयंति महोत्सव” ऊजवायो हतो. आ प्रसंग
निमित्ते “प्रवचनयात्रा” नीकळी हती.
* “प्रौढ शिक्षणवर्ग” श्रावण सुद बीजथी शरू थवानो छे, तेमां दाखल थवानी
ईच्छा होय तेमणे टाईमसर आवी जवुं.
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
अषाड सुद बीजना रोज सुदामडाना भाई श्री अमृतलाल हंसराज तथा
तेमना धर्मपत्नीए बंनेए सजोडे पू. गुरुदेवश्री पासे आजीवन ब्रह्मचर्यप्रतिज्ञा
अंगीकार करी छे; ते माटे तेमने धन्यवाद!
धर्मक्रिया
आत्मा कोण छे, आत्मानो स्वभाव शुं छे, तेनी खबर न होय ने
बाह्यक्रियाथी धर्म मानी ल्ये ते अज्ञानी छे; आत्माना धर्मनी क्रिया कई छे तेनुं
तेने भान नथी एटले जडनी क्रियामां तथा विकारी क्रियामां ते धर्म माने छे. व्रत
के जात्रा, दया के भक्ति, दान के तप–ए बधामां शुभरागभाव छे ते कांई धर्मनी
क्रिया नथी, धर्मनी क्रिया तो आत्माना अंर्तस्वभावनी श्रद्धा, ज्ञान अने
स्थिरतामां छे. एवी धर्मक्रिया ते ज मोक्षनुं कारण छे. –प्रवचनमांथी.