: २६४ : आत्मधर्म २४७७ : आसो :
शुद्धात्मानुं ध्यान ते ज धर्म; अने ते माटेनी • स–ह •
पात्रतानुं वर्णन ९२–१७३ सर्वज्ञ क्यां छे अने केवा होय? ९१–१४६
श्री जैनदर्शन शिक्षणवर्ग ९०–१३४ सर्वज्ञना निर्णयमां सम्यक्पुरुषार्थ ९प–२३९
श्री जैनदर्शन शिक्षणवर्ग ९१–१प८ संसारतत्त्व (१) ८प–१७
श्री जैनदर्शन शिक्षणवर्ग (प्रौढ) ९३–१प३ संसारतत्त्व (२) ८६–२३
श्री तीर्थंकर भगवाननो आदेश ८प–३ संसारनी स्थिति अने धर्मात्मानी निःशंकता ९१–१४२
श्री परमात्म–प्रकाश–प्रवचनो (१९) ८प–२ संसारसागर तारवा... (स्तुति) ८९–१२०
श्री विदेहीनाथनुं स्वागत (भव्य चित्र) ८९–११९ साचा–खोटानो विवेक ८८–८०
श्री सद्गुरुदेवने अंजलि (६२ मा जन्मोत्सव साची भक्तिनुं फळ मुक्ति ८९–११४
प्रसंगे) ९१–१४४
श्री सनातन जैन शिक्षणवर्गनी परीक्षाना प्रश्न–उत्तर९३–१९प साडा बार वर्षनी तपस्या! ८६–२२
श्री सीमंधरनाथनी प्रतिष्ठा प्रसंगे पू. गुरुदेवना साधकना साथीदार ८९–९१
श्रीमुखथी वहेली भक्ति–सरिता ८९–१०७ सिद्धपणाना लक्षे साधकपणानी शरूआत ८प–१३
श्री सीमंधरप्रभुना प्रतिष्ठा–महोत्सवनां केटलांक सुधारो (अंक ८८नो) ८९–४७
उल्लासभर्यां संस्मरणो ८९–८३ सुधारो (अंक ८९–९० नो) ९१–१प९
श्री सीमंधर भगवान (–तेमना संबंधमां सुधारो (अंक ९१ नो) ९२–१७२
जाणवायोग्य केटलीक विगतो) ८९–११६ सुधारो (अंक ९२ नो) ९३–१८२
श्री सीमंधर भगवान (भव्यचित्र) ८८–८२ सुवर्णपुरी समाचार ९३–१८२
‘श्रुतदेवता जयवंत हो’ ९२–१६३ सुवर्णपुरी समाचार ९४–२०२
‘श्रुतपंचमी ऊजवो’ ९२–१६३ सुवर्णपुरी समाचार ९५–२२५
श्रेणिकराजा ९४–२०६ सुवर्णपुरी समाचार ९६–२४८
सौराष्ट्रनुं एक जागृत तीर्थंधाम: सोनगढ ९०–१२३
‘स्वानुभूत्या चकासते’ ९६–२प७
श्रेणिकराजा तीर्थंकर थशे, –ए कोनो प्रताप? ८६–२१ ‘हे शिष्य! तुं आवा आत्मानी श्रद्धा कर! ’ ९०–१२९
होंशथी हा पाडो! ८६–२६
ब्रह्मचर्य – प्रतिज्ञा
भादरवा सुद एकमना रोज वींछीयाना भाईश्री अमृतलाल बावल
भाई तथा तेमना धर्मपत्नी गोमतीबेन–ए बंनेए सजोडे पू. गुरुदेवश्री पासे
आजीवन ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे.
दसलक्षण पर्वना उत्तमब्रह्मचर्य धर्मना दिवसे–भादरवा सुद १४ अनंत
चतुर्दशीना रोज–सवारमां, बरवाळाना भाई श्री पानाचंद भाईलाल शाहे पू.
गुरुदेवश्री पासे आजीवन ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे.
उपरना ज दिवसे जोडीयाना भाई श्री शांतिलाल गीरधरलाल महेता
तथा तेमना धर्मपत्नी बेनकुंवरबेन–ए बंनेए सजोडे पू. गुरुदेवश्री पासे
आजीवन ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे.
भादरवा वद पांचमना रोज नागनेसना भाई श्री हिंमतलाल छोटालाल
झोबाळियाए पू. गुरुदेवश्री पासे आजीवन ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे.
–ब्रह्मचर्य लेनारा सर्वेने धन्यवाद!