सदाय वर्त्या ज करे छे; बीजा दिवसोमां आहार करतो होय त्यारे पण तेने आ पडिमा तो वर्ते ज छे, केम के ते
वखतेय आठम–चौदसे आहार करवाना रागनो तो तेने अभाव ज वर्ते छे.
जाय छे अने आत्मानी शुद्धि वधती जाय छे; ते शुद्धता अनुसार आ अगियार पडिमा होय छे; शुद्धता ना ज आ
अगियार प्रकारो छे.
एवो भाव होय, पण पोते सचित्तआहार–पाणीने ग्रहण करे नहि.
त्याग ते तो बहारनी वात छे. खरेखर आत्मा आहारादिने ग्रही के छोडी शकतो नथी, पण अंतरमां चिदानंद
ज्ञातानी शांति वधतां तेवो सचेत आहार पाणीनो आज पतो नथी एटले सचेत वस्तुनी साथेनो निमित्त–
नैमित्तिक संबंध पण छूटी जाय छे.–आनुं नाम सचित्तत्याग पडिमा छे. हुं सचित्त आहारने ग्रही के छोडी शकुं
छुं–एवी जेनी बुद्धि छे तेने सचित्तत्याग पडिमा होती ज नथी, तेने तो दर्शनशुद्धि पण नथी. दर्शनशुद्धि पछी
श्रावकने स्वभावना आश्रये जेम जेम विशेष राग छूटतो जाय छे तेम तेम पडिमा वधती जाय छे. जुओ, आ
श्रावकना धर्मनी आराधना! मुनिदशा अने श्रावकदशा ते अंतरनी चीज छे.
वधतां चारे प्रकारनां रात्रिभोजननो विकल्प पण नथी आवतो तेनुं नाम रात्रिभोजनत्यागपडिमा छे. आ
पडिमावाळा श्रावकने दिवसना भागमां खावानो भाव आवे अने खातो होय त्यारे पण
रात्रिभोजनत्यागपडिमा वर्ते छे.
रात्रिभोजन छूटयुं, अथवा तो बहारमां रात्रिभोजन छूटयुं माटे अंदर शुद्धता थई–एम नथी; पण एवो सहज
निमित्तनैमित्तिक संबंध छे के अंतरमां स्वरूपनी शुद्धता वधतां राग छूटयो ते अनुसार तेनां निमित्तो पण छूटी
जाय छे. देहनी ने आहारनी क्रिया तो ते क्षणे तेनां कारण थाय छे ने तेना कारणे अटके छे, हुं तो ज्ञाता छुं–एवा
भानपूर्वक स्वरूपमां स्थिरताना अंशो जेम जेम वधतां जाय छे तेम तेम आ पडिमाओ होय छे.
निज आत्मानुं भान थईने तेमां एटली लीनता प्रगटी के विषयनो भाव ज छूटी गयो, अने बहारमां
निमित्तपणे देहनी तेवी क्रिया पण छूटी गई, तेनुं नाम ब्रह्मचर्यपडिमा छे. अंतरनी शुद्धपरिणति साथे
संधिपूर्वकनी आ वात छे. आ ब्रह्मचर्यपडिमामां नियमपूर्वकनुं शुद्ध ब्रह्मचर्य होय छे. आ पहेलां सामान्य
ब्रह्मचर्यनो शुभभाव होय पण तेने पडिमा न कहेवाय. अंतरमां चिदानंद स्वरूपना भान सहित विशेष
शुद्धतां प्रगटतां रागनो सहज त्याग थाय त्यारे ज पडिमा कहेवाय. एकलुं बहारमां छोडीने के शुभराग
करीने पोताने व्रत के पडिमाधारी मानी बेसे, ने अंदरमां शुद्धपरिणतिनुं तो ठेकाणुं न होय तेने व्रत के
पडिमा होय नहि. तेने माटे तो कह्युं छे के–
ग्रहे नहि परमार्थने लेवा लौकिक मान.