Atmadharma magazine - Ank 103
(Year 9 - Vir Nirvana Samvat 2478, A.D. 1952)
(Devanagari transliteration).

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* मानस्थंभ *
परम पूज्य गुरुदेवश्रीना पुनित प्रतापे सौराष्ट्रमां दिन–प्रतिदिन महान धर्मप्रभावना थई रही छे; ते
धर्मप्रभावनाना महान प्रतीकरूपे सौराष्ट्रमां सर्वप्रथम सोनगढमां ६२ फूट ऊंचो भव्य मानस्थंभ तैयार करवानुं
नक्की थयुं छे. तेनुं शिलान्यास वैशाख वद सातम ने शुक्रवारे थवानुं छे.
स्वर्गादिमां शाश्वता मानस्थंभो छे, भगवानना समवसरणमां चारे बाजु मानस्थंभ होय छे अने
अत्यारे भारतमां पण श्री सम्मेदशिखरजी, महावीरजी, पावागढ, अजमेर, तारंगा, आरा, चित्तोड, दक्षिण कन्नड,
मुलबिद्री, कारकल, श्रवण बेलगोल, मैसुर वगेरे अनेक ठेकाणे मानस्थंभ छे; परंतु सौराष्ट्रमां घणा लांबा
वखतथी मानस्थंभ नहि होवाथी केटलाक लोकोने प्रश्न थाय छे के ‘मानस्थंभ ते शुं छे?’ मानस्थंभ ते
जैनधर्मनी एक अगत्यनी वस्तु छे, जेम जिनमंदिर एक जरूरी वस्तु छे तेम मानस्थंभ पण जरूरी वस्तु छे.
मानस्थंभ उपर चार बाजु श्री जिनप्रतिमा बिराजमान होय छे. दूरथी ज मानस्थंभने देखतां मानथी युक्त
एवा मिथ्याद्रष्टि लोकोनुं अभिमान गळी जाय छे तेथी तेने ‘मानस्थंभ’ कहेवाय छे; ईंद्रद्वारा तेनी पूजा थती
होवाथी तेने ‘ईंद्रध्वज’ पण कहेवाय छे. मानस्थंभ ते जैनधर्मनो वैभव देखाडनार छे तेथी तेने ‘धर्मवैभव’
पण कहेवाय छे.
सोनगढमां जैनधर्मना वैभवरूप मानस्थंभ तैयार करवाना मंगलकार्यने मुमुक्षु भक्तजनोए घणा
उल्लासपूर्वक वधावी लीधुं छे. गया अंकमां जाहेर करेल मानस्थंभ–फंडमां नीचे मुजब नवी रकमो आवी छे–
८९१२२) गया अंकमां जणाव्या मुजब.१०१) मगनलाल त्रिभुवनदास सोनगढ
१००१) शेठ जगतप्रसाद जैन. मुंबई१०१) विजयाबेन (हरजीवन नागजी वोराना धर्मपत्नी)
१०७८) आफ्रिका (मोसी) मंडळ तरफथी नीचे प्रमाणे प१) चंचळबेन चत्रभुज चूडा
प०१) भाई रायशी धरमशी (चेलावाळा) प१) शाह पेथराज धरमशी
प०१) वीरचंद जेठालाल (चेलावाळा) प१) कंकुमा गोसळीआ
प१) भाई रणमल वीरजीनी कंपनी (चेलावाळा) प१) शाह केशवलाल महीजी (बोरसदवाळा)
२प) मणीबेन जेठालाल (चेलावाळा) प१) डी. टी. शाह मुंबई
२प१) शेठ छगनलाल लधुभाई जामनगर प१) भाई रामजी रूपशी सोनगढ
२०१) शाह वाडीलाल जगजीवन कलोल २प) प्रेमीबेन लाठीवाळा
१०१) शाह चुनीलाल लक्ष्मीचंद वढवाण शहेर२प) कंचनबेन (प्रेमीबेनना पुत्री)
१०१) शेठ अमृतलाल हंसराज ईंदोर२प) कामदार जगजीवन गोपाळजी
१४४) आफ्रिका–नाईरोबी मंडळ तरफथी शिलिंग
२१६ नीचे मुजब२प) घडियाळी प्रेमचंद मोतीचंद मोरबी.
१प१) दलीचंद त्रीभोवन खारा ९२६०७)
४०) शान्ताबेन (बाणुं हजार, छसो सवासात)
२प) कस्तुरबेन
२१६ शिलिंग तेना रूा. १४४
(गया अंकमां नाईरोबी मुमुक्षु मंडळ (आफ्रिका) तरफथी आवेली रकमो जाहेर करेल तेमां एक नाम
छापवुं बाकी रही गयेल छे ते आ प्रमाणे छे–शेठ भगवानजी कचराभाई तरफथी शिलिंग ७प१ आ रकम
सरवाळामां आवी गई छे.)