Atmadharma magazine - Ank 103
(Year 9 - Vir Nirvana Samvat 2478, A.D. 1952)
(Devanagari transliteration).

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मंगल महोत्सव
तीर्थधाम सोनगढमां जे भव्य मानस्थंभनुं निर्माण थवानुं छे तेना शिलान्यासनुं
(खातमुहूर्तनुं) मंगल मुहूर्त वैशाख वद सातम शुक्रवार ता. १६–प–प२ना शुभ दिने
सवारना छ वाग्ये राखेल छे.
सोनगढमां श्री सीमंधर भगवानना समवसरणनी जे भव्य रचना छे तेनी
प्रतिष्ठा वीर सं. २४६८ ना वैशाख वद छठ्ठ ने गुरुवार ता. १प–प–प२ ना रोज श्री
समवसरणनी प्रतिष्ठाने दस वर्ष पूर्ण थाय छे.
वैशाख वद आठमे श्री जैन स्वाध्याय मंदिरना उद्घाटननो १पमो वार्षिकोत्सव
छे. तेमज स्वाध्याय मंदिरमां श्री समयसारजीनी महापूजनीक स्थापनानो १पमो
वार्षिकोत्सव पण ते ज दिवसे छे.
आ बधा मंगल प्रसंगो उल्लासपूर्वक उजवाशे; आ प्रसंगे सर्वे जिज्ञासु भक्तजनोने
लाभ लेवा विनंति छे.
* * *
‘चैत्र सुद तेरस’
सोनगढमां चैत्र सुद तेरसे दर वर्ष प्रमाणे भगवान श्री महावीर प्रभुनो
जन्मकल्याणक महोत्सव तेम ज पू. गुरुदेवश्रीना परिवर्तननो वार्षिक उत्सव उजवायो
हतो. आ उपरांत श्री मानस्थंभजीनो पायो खोदवानी मंगल शरूआत थई हती.
आजथी १७ वर्ष पहेलां चैत्र सुद तेरस ने मंगळवारे बपोरे लगभग सवा वागे
पू. गुरुदेवश्रीए मंगल ‘परिवर्तन’ कर्युं अने त्यारथी प्रसिद्धपणे दिगंबर जैनधर्मनी
महाप्रभावना थवा लागी. आ वर्षे बराबर ए ज दिवसे अने ए ज टाईमे, ए
धर्मप्रभावनाना महान प्रतीक स्वरूप श्री मानस्थंभजी ना पाया खोदवानी मंगल
शरूआत पू. बेनश्रीबेनना सुहस्ते थई. ज्यारे हाथमां कोदाळी लईने पू. बेनश्रीबेने
पायो खोदवानी मंगल शरूआत करी त्यारे वाजिंत्रोना नाद वच्चे भक्तजनोए घणा
उल्लास–पूर्वक जयजयकारथी ए प्रसंगने वधाव्यो हतो.
***
श्री जैनदर्शन शिक्षण वर्ग
सोनगढमां दर वर्षनी माफक आ वर्षे पण वैशाख वद त्रीज सोमवार ता. १२–
प–प२ थी श्री जैनदर्शनना अभ्यास माटेनो शिक्षणवर्ग शरू थशे; अने जेठ सुद बारस
गुरुवार ता. प–६–प२ सुधी आ वर्ग चालशे. विद्यार्थीओ उपरांत बीजा जिज्ञासु
जैनबंधुओ पण आ वर्गनो लाभ लई शकशे. शिक्षणवर्गमां दाखल थनारने माटे भोजन
तथा रहेवानी सगवड श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट तरफथी थशे.
जेमने आ शिक्षणवर्गमां दाखल थवा इच्छा होय तेमणे नीचेना सरनामे सूचना
मोकली देवी अने ता. १०–प–प२ वैशाख वद एकमना रोज हाजर थई जवुं. दाखल
थनारने बिछानुं साथे लाववुं.
‘शिक्षण वर्ग’
श्री जैनस्वाध्याय मंदिर
सोनगढः सौराष्ट्र
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