: २४८ : आत्मधर्म: १०८
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श्री समयसारनी छठ्ठी–सातमी गाथामां आवी जता संसारभ्रमणनुं कारण अने तेनाथी छूटवानो उपाय ९९–६३
व्यवहारना चार प्रकारो अने साधक संतोनी धून १०४–१४९
निश्चयना आश्रये तेमनो निषेध १००–७४ सिद्ध भगवानना आनंदनो नमूनो १०८–२३२
श्री समयसारनी... १००–७प सिद्ध अने समकीत १००–६प
श्री समयसारनी... १०१–१०२ सिद्धना सन्देश १०१–८प
श्री सिद्धभगवानने नमस्कार करनारनी जवाबदारी१००–८० सिद्धनुं स्वरूप अने सिद्धिनो पंथ
श्रोताओनी जवाबदारी १०७–२२प (शिषणवर्गनो निबंध) १०प–१८३
श्रोताओनुं कर्तव्य ९८–३१ ‘सिद्धसमान सदा पद मेरो’ ९८–२प
‘सिद्धसमान सदा पद मेरो’ ९९–६२
• स – ह • सीमंधर भगवाननुं समवसरण (चित्र) १०३–१३०
सत्य १०६–२०८ सुधारो: अंक ९८नो ९९–पप
समयसारनी रचयितानी निःशंकता अनेसुधारो अंक १०० तथा १०१नो १०२–११०
निर्मानता १०७–२२प सुवर्णपुरी–मानस्तंभ १०प–१८६
‘समयसारनी’ टीका ९८–३१ सुवर्णपुरी–समाचार (पोष) १००–६६
समयसारनी बीजी आवृत्ति १००–६६ सुवर्णपुरी–समाचार (माह) १०१–१०६
‘समयसारनो’ श्रोता १००–८४ सुवर्णपुरी–समाचार (वैशाख) १०४–१प०
समवसरण कोने अने क्यारे होय? १०प–१७१ सुवर्णपुरी–समाचार (अषाड) १०६–१९०
समवसरण–प्रतिष्ठानो अगियारमो वार्षिकोत्सव१०४–१प० सुवर्णपुरी–समाचार (भादरवो) १०८–२३०
सम्यक्त्वना अंतर–बाह्य निमित्तो ९९–प३ सौराष्ट्रमां प्रथम मानस्तंभ–धर्मध्वज १००–६६
सर्वज्ञप्रभुए कहेली वात १०६–२०७ स्वभाव अने विभावनुं भेदज्ञान १०१–९८
सर्वज्ञ भगवाननो नंदन १०८–२२९ हीरानी रज! ९८–२६
संतोनो उपदेश १०६–१८९ हे जीव! शुद्धात्मानी रुचि प्रगट करीने
एकवार साचो श्रोता बन! १०१–९९
अमोध उपदेश द्वारा ‘आत्मधर्म’ ना प्रणेता
महान प्रभावी श्री कहान गुरुदेवनो जय हो,
तेओश्रीना पवित्र चरण कमळमां भक्तिपूर्वक
नमस्कर ह!
• नवमुं वर्ष समाप्त •