Atmadharma magazine - Ank 108
(Year 9 - Vir Nirvana Samvat 2478, A.D. 1952)
(Devanagari transliteration).

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(अनुसंधान टाईटल पृष्ठ २ थी चालु)
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
श्रावण वद तेरसना रोज भडकवाना भाईश्री केशवलाल कस्तुरचंद शाह तथा तेमना धर्मपत्नी
छबलबेन––ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा पू. गुरुदेवश्री पासे अंगीकार करी छे; ते माटे तेमने
धन्यवाद!
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श्री समयसार – प्रवचनो
श्री समयसारना बंध अधिकार उपरनां पू. गुरुदेवश्रीनां प्रवचनोनुं नवुं पुस्तक भादरवा सुद पांचमे
प्रकाशित थयुं छे. आ प्रवचनो बहु सुंदर होवाथी, अने मुमुक्षु जीवोने खास उपयोगी होवाथी वचमां बीजा
केटलाक अधिकारो उपरनां प्रवचनो बाकी राखीने, तेनी पहेलांं आ बंध अधिकारनां प्रवचनो प्रकाशित करवामां
आव्यां छे. अने आ प्रवचनो पू. बेनश्री बेनजी द्वारा लखायेलां छे––ए तेनी खास विशेषता छे. तेनी किंमत
रूा. ३/–छे.
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हाल सवारना प्रवचनोमां श्री कार्तिकेय स्वामीनी द्वादश–अनुप्रेक्षा वंचाय छे, ते पूर्ण थवानी तैयारी छे;
बपोरना प्रवचनोमां श्री द्रव्यसंग्रह वंचाय छे. उपरांत बीजा कार्यक्रमो पण यथावत् चालु छे.
आत्मधर्मना ग्राहकोने सूचना
आ अंकनी साथे आत्मधर्मना बधा ग्राहकोनुं लवाजम पूरुं थाय छे; तो कारतक
सुद एकम पहेलांं नवा वर्षनुं लवाजम मोकली आपवा विनंती छे: जेमनुं लवाजम नहि
आव्युं होय तेमने कारतक सुद पूर्णिमा पछी वी. पी. करवानुं शरू थशे. लवाजम मोकळती
वखते पोतानो ग्राहक नं. लखवा विनंति छे.
जोईए छे
‘श्री सोनगढ जैन विद्यार्थीगृह माटे एक जैन अनुभवी बोर्डिंगनुं
काम बराबर संभाळी शके एवा मेट्रीक उपर भणेल गृहपती जोईए
छीए. पगार लायकात प्रमाणे आपवामां आवशे. जेमने रहेवा ईच्छा
होय तेमणे नीचेना सरनामे पत्र–व्यवहार करवो.
मंत्री:
श्री जैन विद्यार्थीगृह
ठे. स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट
सोनगढ (सौराष्ट्र)