अवलंबने पूर्णज्ञाननो विकास प्रगटी जाय तेनुं नाम
केवळज्ञान. ते केवळज्ञान सर्व पदार्थोने अने तेनी समस्त
पर्यायने एक साथे प्रत्यक्ष जाणे छे. जेनो स्वभाव ज्ञान छे ते
कोने न जाणे? अधूरुं जाणे के अटकी अटकीने क्रमेक्रमे जाणे
अथवा तो परोक्ष जाणे–एवुं ज्ञाननुं स्वरूप न होय. स्व–पर
समस्त पदार्थोने एक समयमां प्रत्यक्ष, कोईना पण अवलंबन
वगर जाणवानुं ज्ञानस्वभावनुं सामर्थ्य छे, केवळज्ञान थतां ते
सामर्थ्य पूरेपूरुं खीली जाय छे, अने तेमां त्रणकाळ त्रणलोकना
समस्त द्रव्य–गुण–पर्यायो एक साथे स्पष्ट जणाय छे. आवो
केवळज्ञानस्वभाव दरेक चैतन्यमां दरेक समये शक्तिरूपे
विद्यमान छे; तेनो भरोसो करीने तेमां अंतर्मुख थतां ते शक्ति
व्यक्तकार्यरूप थाय छे. केवळज्ञान भूतकाळनी अनंत पर्यायने
तेमज भविष्यनी अनंत पर्यायने पण वर्तमान पर्याय जेवी ज
स्पष्टपणे जाणे छे, घणी दूरनी पर्याय अस्पष्ट जणाय अने
नजीकनी पर्याय स्पष्ट जणाय एवो भेद तेनामां नथी. वर्तमान
पर्यायने वर्तमानरूपे जाणे, भूतकाळमां जे पर्यायो वर्ती गई
तेने ते प्रमाणे जाणे तथा भविष्यकाळमां जे समये जे पर्याय
वर्तशे तेने ते प्रमाणे जाणे,–परंतु जाणे तो वर्तमानमां ज.
जाणनार कांई भूत भविष्यमां रहीने जाणवानुं कार्य नथी
करतो, पण पोते वर्तमानमां ज त्रणकाळनुं बधुं जाणी ले छे.
भविष्यनी पर्याय प्रगट थशे त्यारे तेनुं ज्ञान थशे–एम नथी,
पण ते पर्याय प्रगट थया पहेलां ज केवळज्ञानना
दिव्यसामर्थ्यमां तेनुं ज्ञान थई गयुं छे. सम्यग्द्रष्टिने आवा
केवळज्ञाननी प्रतीत होय छे, अने पोताना आत्मद्रव्यमां पण
आवुं परिपूर्ण सामर्थ्य वर्तमान भर्युं छे–ते आखा द्रव्यने पण
सम्यग्दर्शन वडे प्रतीतिमां लीधुं छे. केवळज्ञान समस्त पदार्थोने
प्रत्यक्ष जाणे छे, त्यारे श्रुतज्ञान तेमने परोक्ष जाणे छे.
शास्त्रोमां एम आवे छे के जेटलो केवळज्ञाननो विषय छे
तेटलो ज श्रुतज्ञाननो पण विषय छे,–मात्र प्रत्यक्ष परोक्षनो ज
भेद छे; श्रुतज्ञान परोक्ष होवा छतां तेनामां विपरीतता नथी,
ते पण केवळज्ञाननी ज जातनुं छे; अने तेनामां पण राग
तूटीने जेटलुं स्वसंवेदन थयुं छे तेटलुं तो प्रत्यक्षपणुं छे. पहेलां
पोताना परिपूर्ण ज्ञानसामर्थ्यनी प्रतीत अने महिमा करीने
जेम जेम तेनुं स्वसंवेदन वधतुं जाय छे तेम तेम ज्ञाननो
विकास खीलतो जाय छे अने छेवट पूर्ण केवळज्ञान सामर्थ्य
खीली जाय छे.–आवो केवळज्ञाननो पंथ छे. पोताना ज्ञान
स्वभावना ज अवलंबन सिवाय बीजुं कोई पण केवळज्ञाननुं
साधन नथी.