Atmadharma magazine - Ank 120
(Year 10 - Vir Nirvana Samvat 2479, A.D. 1953)
(Devanagari transliteration).

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: २६६ : आत्मधर्म: १२०:
विषय अंक–पृष्ठ विषय अंक–पृष्ठ
शांतिनाथ भगवाननो वैराग्य (१) ११२–६३ सम्यग्दर्शन माटे आत्मार्थीनो उल्लास अने
शांतिनाथ भगवाननो वैराग्य (२) ११३–८३ निर्विकल्प अनुभूति ११८–२२४
शांतिनुं स्थान ११९–२४८ सम्यग्द्रष्टिनी भवभ्रमणथी छुटकारानी निःशंकता ११९–२३१
शुं करवुं? १०९–२० सर्वज्ञभगवाननी व्यवहारस्तुति पण कोने होय? ११६–१७८
श्री कळशचंदजी महारजनो स्वर्गवास १११–४२ साधकना आंगणे मोक्षना मांडवा अने सिद्धोनी स्थापना११६–१६३
श्रीगुरु कल्याणनो साचो उपाय समजावे छे १११–५७ साचो श्रोता अने श्रवणनुं तात्पर्य १२०–२५०
श्री जैनदर्शन–शिक्षणवर्ग खास–१४० सिद्धचक्र विधान–पूजन खास–१२४
श्री जैनदर्शन–शिक्षणवर्ग ११६–१७९ सुखी थवुं होय तेणे शुं करवुं? १११–५२
श्री जैनदर्शन–शिक्षणवर्ग–वर्ष नवमुं सुधारो ११६–१६२
परीक्षाना प्रश्नो (प्रथम श्रेणी) ११६–१७३ सुवर्णपुरी समाचार [कारतक] १०९–१९
परीक्षाना प्रश्नो (बीजी श्रेणी) ११६–१७४ सुवर्णपुरी समाचार [पोष] १११–४२
परीक्षाना प्रश्नो (त्रीजी श्रेणी) ११६–१७५ सुवर्णपुरी समाचार [माह] ११२–६२
श्री जैनदर्शन शिक्षणवर्ग परीक्षा सुवर्णपुरी समाचार [फागण] ११३–८२
परीक्षामां पूछायेला प्रश्नो अने तेना जवाबो सुवर्णपुरी समाचार [चैत्र] ११४–१०२
(प्रथम श्रेणी) ११७–१८३ सुवर्णपुरी समाचार [प्रथम वैशाख] खास–१२२
(बीजी श्रेणी) ११७–१८७ सुवर्णपुरी समाचार [जेठ] ११६–१६२
(त्रीजी श्रेणी) ११७–१९१ सुवर्णपुरी समाचार [अषाड] ११७–१८२
श्री जैनदर्शन–शिक्षणवर्ग (प्रौढ) १७–१८६ सुवर्णपुरी समाचार [आसो] १२०–२४६
श्री जैन विद्यार्थीगृह (जाहेरात) ११०–४० सूचना खास–१२२
श्री जैन विद्यार्थीगृह (जाहेरात) १११–६० सूचना ११६–१७९
श्री जैन विद्यार्थीगृह (जाहेरात) ११२–८० सूचना ११७–१९९
श्री जैन विद्यार्थीगृह (जाहेरात) ११३–१०० सूचना ११८–२०२
श्री जैन विद्यार्थीगृह (जाहेरात) खास–१२२ सोनगढमां मानस्तंभ–महोत्सव वखते प्रतिष्ठित
श्री मंडपमां जिनेन्द्रदेवनी पधरामणी खास–१२४ ३२ जिनबिंबो खास–१३८
श्री सद्गुरु करकमळेथी... (काव्य) खास–१३२ सोनगढ मे मानस्तंभ–जिनबिंब प्रतिष्ठा उत्सव पर
(अंकन्यास विधान प्रसंगनी भक्ति) त्यागीर्का की ओर से आध्यात्मिक–मर्मज्ञ श्री
श्रुतपंचमी ११७–१८२ कानजी स्वामी के प्रति आभार–प्रदर्शन खास–१३९
संतोए केवो उपदेश कर्यो? ११६–१६६
‘संतोए मार्ग सुगम करी दीधो’ ११०–२१
संतोना रणकार ११४–१०१
समयसारनी नवी आवृत्ति खास–१२३ हितोपदेश ११५–१४१
समयसारनी शरूआत (दसमी वखत) ११४–१०२ हे भव्य जीव! ११६–१६१
समकितनो पुरुषार्थ ११९–२३५ [नोंध:– अंकना नंबरमां ज्यां ‘खास’ एम लखेलुं छे त्यां
समकीतिनी अंर्तद्रष्टि ११९–२३४ मानस्तंभ–प्रतिष्ठा–महोत्सवनो खास अंक एटले के प्रथम
सम्यक्त्वसन्मुख जीवनी पात्रतानुं वर्णन ११५–१५६ वैशाख मासनो अंक समजवो.)