Atmadharma magazine - Ank 128
(Year 11 - Vir Nirvana Samvat 2480, A.D. 1954)
(Devanagari transliteration).

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: १४६ : आत्मधर्म–१२८ : जेठ : २०१० :
ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा
(१–२) सौराष्ट्रमां मंगल विहार दरमियान परम पूज्य सद्गुरुदेव सुरेन्द्रनगर पधार्या
त्यारे वेदी–प्रतिष्ठा महोत्सव प्रसंगे वैशाख सुद त्रीजना रोज वींछीयावाळा भाईश्री मणीलाल
सुखलाल शाह तथा तेमना धर्मपत्नी शान्ताबेन –ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
अंगीकार करी छे; तेमज लींबडीवाळा महासुखलाल नानचंद मणीआर तथा तेमना धर्मपत्नी
चंपाबेन–ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे. आ माटे ते सर्वेने
अभिनंदन.
* * *
(३) सौराष्ट्रमां मंगल विहार दरमियान परम पूज्य सद्गुरुदेव लींबडी पधार्या त्यारे
वैशाख सुद सातमना रोज त्यांना भाईश्री खीमचंद बालचंद तथा तेमना धर्मपत्नी शकरीबेन
–ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे; ते माटे तेमने अभिनंदन.
* * *
(४–५) सौराष्ट्रमां मंगल विहार दरमियान परम पूज्य सद्गुरुदेव राणपुर पधार्या त्यारे
वेदी–प्रतिष्ठा महोत्सव प्रसंगे वैशाख सुद तेरसना रोज त्यांना भाईश्री कानजी लेराभाई
वसाणी तथा तेमना धर्मपत्नी जतनबेन–ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार
करी छे; तेम ज भाईश्री हरगोवनदास मूळचंद शाह तथा तेमना धर्मपत्नी विजयाबेन –ए
बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे. आ माटे ते सर्वेने अभिनंदन.
* * *
(६) सौराष्ट्रमां मंगल विहार दरमियान परम पूज्य सद्गुरुदेव वींछीया मुकामे पधार्या
त्यारे वैशाख वद अगियारसना रोज त्यांना भाईश्री माणेकचंद करसनजी शाह तथा तेमना
धर्मपत्नी छबलबेन –ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा पू. गुरुदेव पासे अंगीकार
करी छे. ते माटे तेमने अभिनंदन.
सूचना :–
–परम पूज्य सद्गुरुदेव जेठ सुद छठ्ठना रोज
सोनगढ पधारे छे; सोनगढमां पुस्तक वेचाण
विभाग अने जैन अतिथि सेवा समिति वगेरेनी
व्यवस्था पूर्ववत् चालु थई जशे. हवेथी पत्रव्यवहार
सोनगढना सरनामे करवो.
–आत्मधर्मना गया अंकमां मोरबी–
वांकानेरमां पू. गुरुदेवना पवित्र हस्ते मुंबईना जे बे
प्रतिमाजी प्रतिष्ठित थयानुं जणाव्युं छे ते बंने
प्रतिमाजी सांताक्रुझना एक मुमुक्षु भाईए पोताने
त्यां गृहचैत्यालयमां बिराजमान करवा माटे
प्रतिष्ठित कराव्या छे.