Atmadharma magazine - Ank 133
(Year 12 - Vir Nirvana Samvat 2481, A.D. 1955)
(Devanagari transliteration).

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सुवर्णपुरी समाचार

* परम पूज्य सद्गुरुदेव सुखशांतिमां बिराजे छे; हाल सवारना प्रवचनमां मोक्षमार्गप्रकाशक अने
बपोरना प्रवचनमां समयसार वंचाय छे. ए ऊपरांत रात्रिचर्चा, भक्ति वगेरे कार्यक्रम नियमित चालु छे.
* “आत्मानो ज्ञायकस्वभाव अने क्रमबद्धपर्याय” उपर हालमां पू. गुरुदेवे बे वखत अद्भुत प्रवचनो
कर्या, तेमांथी पहेली वखतनां आठ प्रवचनो आ अंकमां प्रसिद्ध थया छे, बीजी वखतनां पांच प्रवचनो थयां छे ते
हवे पछी प्रसिद्ध थशे. आ बधाय प्रवचनो एक साथे पुस्तक रूपे पण प्रसिद्ध करवानुं नक्की थयुं छे. आ प्रवचनो
प्रसिद्ध थतां पहेला पूज्य गुरुदेवे वांची जवा कृपा करी छे.
* आ नूतनवर्षना प्रारंभे–कारतक सुद एकमना रोज रात्रे, पू. बेनश्रीबेनना घरे दोढ कलाक सुधी
बेनश्रीबेने मानस्तंभ–सन्मुख अद्भुत भावभरी भक्ति करावी हती.
* चालु सालनुं दि. जैनतिथिदर्पण छपाईने तैयार थाय छे.
* जे ग्राहकोए हजी सुधी लवाजम न भर्युं होय, तेओ हजी पण वहेलासर सोनगढना सरनामे लवाजम
मोकली आपीने आत्मधर्म–कार्यालयने वी. पी. करवानी तकलीफमांथी बचावे–एवी विनंती छे.
मुक्तिना उपायनुं पहेलुं सोपान

अंतरना चिदानंद स्वभावने ओळखीने तेमां एकाग्रताथी राग टाळीने जेमणे सर्वज्ञता
प्रगट करी ते सर्वज्ञ परमात्माना दिव्यध्वनिमां एवो उपदेश आव्यो के : अरे आत्मा! तें तारा
असली स्वभाव तरफ कदी वलण कर्युं नथी; तारो आत्मा एक समयमां परिपूर्ण ज्ञान ने
आनंदस्वभावथी भरेलो छे तेने ओळखीने तेनी प्रीति कर. अंतर आत्मामां एकाग्र थतां राग
टळी जाय छे ने सर्वज्ञतां प्रगटी जाय छे, माटे राग ते तारुं खरुं स्वरूप नथी पण पूर्णज्ञान ते
तारुं स्वरूप छे. – आ प्रमाणे रागथी भिन्न ज्ञान–स्वरूप आत्मानो निर्णय करवो ते मुक्तिना
उपायनुं पहेलुं सोपान छे.
क्यां...अटक्या....?....

अज्ञानी जीव जगतथी भिन्न पोताना चैतन्यस्वरूपने चूकीने देशनुं–परनुं–घरनुं अने
शरीर वगेरेनुं काम करवाना अभिमानमां अटके छे, बहु तो धर्मना नामे आगळ चाले तो दया–
व्रत वगेरेना शुभरागमां धर्म मानीने त्यां अटकी जाय छे; पण शरीरादिनी क्रियाथी भिन्न ने
शुभरागथी पण पार एवा पोताना ज्ञानानंद स्वरूप आत्मानुं लक्ष करतो नथी, तेथी तेना
जन्ममरणना दुःखनो अंत आवतो नथी. अनादिकाळमां पुण्य कर्यां तोपण जीव संसारमां ज
रखडयो छे, तो ते संसारनुं मूळकारण शुं छे ते जाणीने तेने टाळवानो उपाय करवो जोईए.