सुवर्णपुरी समाचार
[कुंदकुंदप्रभुनो आचार्यपदारोहण महोत्सव, अने प्रवचनमां नियमसारनी शरूआत]
मागसर वद आठम ते कुंदकुंदप्रभुना आचार्यपदारोहणनो मंगल दिवस छे, तेथी सोनगढमां
आचार्यपदारोहणनो महोत्सव ऊजवायो हतो. सवारमां, सीमंधरभगवाननां समवसरणमां स्थित
कुंदकुंदाचार्यदेवनुं अतिशय भक्तिपूर्वक समूहपूजन थयुं हतुं...
पू. गुरुदेवना प्रवचनमां मोक्षमार्ग प्रकाशकनुं वांचन पूरुं थतां, नियमसारनी शरूआत आजे थती
होवाथी, नियमसारजीनी ‘प्रवचन–यात्रा’ नीकळी हती. अने त्यारबाद भक्तजनोना घणा उल्लास अने
प्रसन्नता वच्चे पू. गुरुदेवे नियमसारजी परमागम उपरना अपूर्व प्रवचनोनी अद्भुत मंगलकारी शरूआत
करी हती. नियमसार ते भगवान श्री कुंदकुंदाचार्यदेवना ‘रत्न चतुष्टय’ मांनुं एक महान परमागम रत्न छे,
तेना उपर प्रवचनोनो प्रारंभ करतां शरूआतमां पू. गुरुदेवे, सीमंधर भगवान अने कुंदकुंदाचार्य भगवानना
साक्षात् उपकारोनुं अतिशय भक्तिपूर्वक स्मरण करीने, कुंदकुंदाचार्यप्रभुनुं विदेहक्षेत्रे सीमंधरप्रभु पासे गमन
तेमज तेमना आचार्यपदनो परम महिमा प्रसिद्ध कर्यो हतो. तेमज नियमसारना अद्वितीय टीकाकार महासमर्थ
संत भगवानश्री पद्मप्रभ मुनिराजनो महिमा पण अतिशय भक्तिपूर्वक व्यक्त कर्यो हतो.
एक वखत हिंदी अने बीजी वखत गुजराती–एम बे वखत आ नियमसार शास्त्र पू. गुरुदेवना
प्रवचनमां वंचाई गयुं छे, ने आ त्रीजी वखतनां प्रवचनो शरू थया छे. तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी,
अने गणधरभगवान श्री गौतमस्वामी पछी तरतज जेमनुं नाम मंगलाचरणमां आवे छे एवा भगवान श्री
कुंदकुंदाचार्यदेवना नियमसार परमागम उपर परम पूज्य गुरुदेवना प्रवचनमां जे अध्यात्मरसनी धारा छूटे छे
तेनाथी भक्तजनोनां हैयां हर्षथी हचमची ऊठे छे ने आत्मा प्रसन्नताथी डोली ऊठे छे.
आ प्रसंगे, कुंदकुंदप्रभुजीना आचार्य पदारोहण प्रसंगनुं द्रश्य रचवावामां आव्युं हतुं अने प्रवचन बाद
नियमसारादि परमागमोनुं श्रुतपूजन भक्ति सहित करवामां आव्युं हतुं बपोरे, समवसरणमां स्थित
कुंदकुंदाचार्यदेव सन्मुख महान भक्ति थई हती. आ रीते आचार्यपदारोहणनो अने नियमसारनी शरूआतनो
द्विविध महोत्सव आनंदपूर्वक उजवायो हतो.
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
मागसर सुद त्रीजे गारीयाधारवाळा भाईश्री मणिलाल पोपटलाल शाह तथा तेमना धर्मपत्नी शान्ताबेन–
ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्यप्रतिज्ञा पू. गुरुदेव पासे अंगीकार करी छे; ते बदल तेमने धन्यवाद!
भूलसुधार
‘आत्मधर्म’ ना गतांकमां अशुद्धिओ आपेली छे, ते उपरांत नीचे मुजब बीजी अशुद्धिओ पण छे, –ते
प्रमाणे वांचकोए सुधारी लेवुं.
पानुं–कोलम–लाईन अशुद्ध शुद्ध
प७–१–३२ मरेला जीवतुं मरेलानो जीवतुं
प७–२–४ माफक) छतां
प९–१–३३ राजा रा’ मांडलिकने राजा रा’ नवघणने
प९–२–१प रा’ मांडलिकनी जेम रा’ नवघणनी जेम
‘आत्मधर्म’ नुं भेट पुस्तक
मुंबई, अमदावाद, कलकत्ता तथा राजकोट–आ चार नगरोमां निवास करता ‘आत्मधर्म’ ना ग्राहकोने
भेट पुस्तक संबंधी आथी सूचित करवामां आवे छे के प्रत्येक ग्राहके पोतानी ग्राहक–संख्यानुं निर्देशन करी
निम्नलिखित स्थानेथी पुस्तक लई जवुं अथवा मंगावी लेवुं.
संवत २०१०ना गुजराती आत्मधर्मना ग्राहकोने पोताना गाममांथी भेट पुस्तक मेळवी लेवा विनंती छे.
पुस्तको मेळववानां स्थळो...
१ शाह मलुकचंद छोटालाल झोबाळीआ पांचकुवा, कापड बजार, अमदावाद.
२ दि. जैन स्याद्वाद प्रचारिणी सभा ठे. वैशाखलेन, नं १. कलकत्ता, ७.
३ श्री जैन दिगम्बर मंदिर पालीताणाना उतारा सामे, सदर, राजकोट.
४ शाह हिंमतलाल छोटालाल झोबाळीआ ६८/७१ सुतार चाल, मुंबई २.
• मुंबईमां आवेलां परानो पण मुंबईमां ज समावेश थाय छे, तेनी नोंध लेशोजी.