Atmadharma magazine - Ank 138
(Year 12 - Vir Nirvana Samvat 2481, A.D. 1955)
(Devanagari transliteration).

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मानस्तंभ – प्रतिष्ठा – महोत्सवना ए दिवसोमां सुर्वणपुरीनी शोभा
अद्भुत हती. तद्न नवी ज एक मोटी नगरी बनी गई हती.
चारे तरफ भव्य दरवाजा, बजार, ईलेकट्रीक – प्रकाश अने
धजा – वगेरेथी आखी नगरी घणी शोभती हती.
ए नगरीनुं नाम हतुं ‘विदेहधाम.’