આગ્રામાં મહાવીર દિગંબર જૈન કોલેજના એક અધ્યાપકશ્રીએ ગાયેલ અભિનંદન કાવ્ય
सन्तप्रवर श्री कानजीस्वामी अभिनन्दन
शब्दावली कुछ है नहीं जो स्बागतार्थ प्रयुक्त हो। रहते धरा पर भी अहो तुम दिव्य जीवन मूल हो। है पुन्य दर्शन अमृत उपदेशक तुम्हें साक्षात्कर। जीवन नया हमको मिला है हो गए कृतकृत्यतर।