प्रेमपूर्वक स्वागत कर्युं हतुं, तेमज संघने उतरवा वगेरेनी सुंदर व्यवस्था करी हती.
सिंहपुरी – चंद्रपुरी
बपोरे पू. गुरुदेव संघसहित सिंहपुरी–चंद्रपुरीना दर्शने पधार्या. सिंहपुरी श्रेयांसनाथ भगवाननी
जन्मभूमि बनारसथी आठ माईल दूर छे; अने चंद्रपुरी ते चंद्रनाथ भगवाननी जन्मभूमि बनारसथी १४ माईल
दूर गंगाकिनारे आवेलुं छे. गंगाकिनारे चंद्रपुरी–जन्मधामनुं द्रश्य प्रसन्नता उपजावे तेवुं छे....त्यां चंद्रप्रभु
भगवानना प्रतिमाजी तेमज चरणकमळ बिराजे छे. त्यां दर्शन–पूजन करीने सौ सिंहपुरी आव्या...श्रेयांसनाथ
भगवानना आ जन्मधाममां प्रवेशतां ज हृदयमां शांतिना शेरडा पडे छे. अहा! शुं ए शांतिनुं धाम!! अहीं
बौद्धोना सारनाथ–स्तंभनी सामे ज श्रेयांसनाथ प्रभुनुं सुंदर मंदिर छे, ने श्रेयांसनाथ भगवानना शांत भाववाही
प्रतिमाजी बिराजे छे. त्यां गुरुदेव साथे सौए अर्घ चडावीने भक्ति करी.....पू. बेनश्रीबेने घणा उल्लासथी
भगवानना जन्मनी वधाई गवडावी हती. त्यां दर्शन करीने सांजे पाछा बनारस आव्या.
रत्नप्रतिमा
ता. २३ मी ए सवारमां पू. गुरुदेव रत्नना प्रतिमाजीना दर्शन करवा पधार्या. पार्श्वनाथ प्रभुना रत्नना
नानकडा सुंदर प्रतिमाजी छे ते हाथमां लईने गुरुदेवे नीहाळ्या, ने भावथी अर्घ चडाव्यो....त्यारबाद बीजा मंदिरोना
पण दर्शन कर्या.
पू. गुरुदेवनुं प्रवचन टाउनहोलमां हतुं. प्रवचनमां तेमज रात्रिचर्चामां विद्वानोए तेमज जनताए घणा
प्रेमथी लाभ लीधो हतो.
पार्श्वनाथ जन्मधामां
प्रवचन बाद, भेलुपुरमां पार्श्वनाथ भगवाननी जन्मभूमि छे त्यां सौ दर्शन करवा गया. अहीं त्रण मंदिर
श्री श्रेयांसनाथ भगवंतनी कल्याणकभूमि सिंहपुरीतीर्थ
ः ६ः आत्मधर्मः १६१