छे. तेमां बे दि. मंदिर छे; अने त्रीजुं मंदिर श्वे. दि. नुं भेगुं छे, तेमां बंनेना प्रतिमाजी अलग अलग बिराजे छे.
अहीं पार्श्वनाथ भगवाननी भक्ति तथा धून थई हती.
गंगाकिनारे सुपार्श्व जन्मधामां – अने – स्याद्वाद महाविद्यालयमां
काशीमां गंगा किनारे दि. जैन स्याद्वाद महाविद्यालय आवेलुं छे. त्यांना आमंत्रणथी पू. गुरुदेव बपोरे
संघसहित त्यां पधार्या; अध्यापको अने विद्यार्थीओए प्रेमभर्युं स्वागत कर्युं अने गुरुदेवनी छायामां विद्यालयनुं
वार्षिक संमेलन थयुं......अहीं बे जिनमंदिरो छे. ने सुपार्श्वनाथ भगवाननी जन्मभूमि पण अहीं छे. आ स्थान
गंगाकिनारे ज छे, ने गंगाना पाणी जाणे के भगवाननो अभिषेक करता होय तेम तेने घसाईने ज वही रह्या छे.
अहींनुं द्रश्य बहु रमणीय छे. अहीं घणी उमंगभरी भक्ति थई. भगवानना जन्मधामनुं खास स्तवन पू.
बेनश्रीबेने बनावेलुं ते अहीं गवडाव्युं. भक्ति प्रसंगे गुरुदेव पण विशेष आनंदित हता....संतोनी साथे आ
जन्मधामना दर्शनथी सौ भक्तोने घणो आनंद थयो. स्याद्वाद विद्यालयमां पू. गुरुदेवनुं सुंदर प्रवचन थयुं...
गंगाकिनारे गुरुदेवे अध्यात्मगंगानो प्रवाह वहेवडाव्यो.
सन्मति – निकेतनमां
त्यारबाद गुरुदेव ‘सन्मति–निकेतन’ (विद्यालय) मां पधार्या. त्यां प्रो. खुशालचंद्रजी वगेरेए तथा
विद्यार्थीओए स्नेहभर्युं सन्मान कर्युं. त्यां मंगल–प्रवचन संभळावीने बाजुमां हुकमीचंदजी शेठना जिनमंदिरे दर्शन
कर्या. आ मंदिरमां महावीर भगवानना मोटा भाववाही प्रतिमाजी बिराजे छे.
डालमीआ नगरमां भव्य सन्मान
ता. २४मीए बपोरे संघसहित पू. गुरुदेव बनारसथी डालमीआ–नगर तरफ पधार्या....यात्राना प्रवास
दरमीयान वच्चे वच्चे रस्तामां वनजंगलमां गुरुदेवनी साथे थई जता त्यारे भक्तजनोने विशेष हर्ष थतो.
लगभग चार वागे डालमियानगर पहोंच्या....अहीं गुरुदेवनी अने संघनी बधी व्यवस्था शेठश्री
शांतिप्रसादजी शाहुए घणा प्रेमपूर्वक करी हती. अहीं एक जिनमंदिर छे तेमां महावीर भगवानना भाववाही
प्रतिमाजी बिराजे छे त्यां रात्रे भक्ति थई हती. भक्ति घणा उल्लासपूर्वक थई हती.
ता. २प मीए सवारे गुरुदेवना सन्माननो समारंभ थयो हतो. तेमां अनेक विद्वानोए भाषण अने काव्यो
द्वारा गुरुदेवने अभिनंदन आप्या हता. पं. अयोध्याप्रसादजी गोयलीयना हाथे गुरुदेवने सन्मानपत्र अर्पण
करवामां आव्युं हतुं. त्यारबाद श्रीमती रमादेवी शेठाणीए तथा शेठ शांतिप्रसादजी शाहुए भक्तिपूर्वक श्रद्धांजलि
अर्पण करी हती. आ प्रसंगे शेठजीए कह्युं हतुं के–“अमारुं परम सौभाग्य छे के पू. स्वामीजी अमारा आंगणे
संघसहित पधार्या छे ने अमने तेमना स्वागतनुं सौभाग्य मळ्युं छे. हुं आ श्रद्धांजलि अर्पण करीने पू. स्वामीजीनुं
अने संघनुं स्वागत–सन्मान करुं छुं.” त्यारबाद डालमीआ नगरनी जैन समाज तेमज सारी जनता तरफथी एक
श्रद्धांजलि भेट करवामां आवी हती; तेमज श्लोकवार्तिक वगेरे शास्त्रो गुरुदेवने भेट आप्या हता.
प्रवचन बाद, अहीं विशाळ पाया उपर शेठना औद्योगिक कारखानाओ (सीमेन्ट फेकटरी, स्युगर फेकटरी,
पेपर मील्स वगेरे) चाले छे ते बताववा माटे शेठजी सौने तेडी गया हता. संघना भोजनादिनी पण सुंदर व्यवस्था
शेठ शांतिप्रसादजी शाहु तरफथी करवामां आवी हती. गुरुदेव प्रत्ये तेमणे घणो प्रेम अने भक्तिभाव दर्शाव्यो हतो.
संघ बपोरे अहींथी रवाना थईने रात्रे आरा पहोंची गयो.
आरा (जैनपुरी) मां जिनेन्द्र दर्शन
पू. गुरुदेव ता. २६ ना रोज सवारे आरा शहेर पधार्या. संघे अने आराना दि. जैन समाजे उल्लासथी
गुरुदेवनुं स्वागत कर्युं. आराने जैनपुरी कहेवामां आवे छे. अहीं लगभग ४० जिनमंदिरो छे. मांगलिक संभळाव्या
बाद गुरुदेव जिनमंदिरोना दर्शन करवा पधार्या....भक्तजनो पण आनंदथी भक्तिनी धून गातां गातां
फागणः २४८३
ः ७ः