सोनगढमां – प्रोढ वयना गृहस्थो माटे
जैन दर्शन – शिक्षण वर्ग
दर वर्षनी माफक आ वर्षे पण श्रावण सुद त्रीज ने सोमवार ता. २९–७–प७ थी शरू करीने, श्रावण वद
नोम ने सोमवार ता. १९–८–प७ सुधी आध्यात्मिकतत्त्वज्ञानना अभ्यास माटे सोनगढमां “जैनदर्शन–शिक्षणवर्ग”
चालशे. प्राथमिक अभ्यासी तत्त्वजिज्ञासु जीवोने माटे आ शिक्षणवर्ग खास उपयोगी छे. आ उपरांत पू. गुरुदेवना
प्रवचनोनो पण लाभ मळशे.
आ शिक्षणवर्गमां दाखल थनार गृहस्थोने रहेवा–जमवानी व्यवस्था संस्था तरफथी थशे. जे जिज्ञासु जैन
भाईओने वर्गमां आववानी ईच्छा होय तेमणे नीचेना सरनामे सूचना मोकली देवी अने वर्गमां वखतसर आवी जवुं.
श्री जैन स्वाध्याय मंदिर
सोनगढ (सौराष्ट्र)
सोनगढमां दसलक्षणी पर्युषण पर्व
सोनगढमां दर वर्षनी जेम भादरवा सुद पांचम ने गुरुवार ता. २९–८–प७ थी शरू करीने, भादरवा सुद
१४ ने शनिवार ता. ७–९–प७ सुधीना दस दिवसो दसलक्षणीधर्म अथवा पर्युषणपर्व तरीके उजवाशे. आ दिवसो
दरमियान उत्तम क्षमा वगेरे धर्मो उपर पू. गुरुदेवना खास प्रवचनो थशे.
धार्मिक प्रवचनना खास दिवसो
श्रावण वद १३ ने गुरुवार ता. २२–८–प७ थी शरू करीने, भादरवा सुद पांचम ने गुरुवार ता. २९–८–प७
सुधीना आठ दिवसो सोनगढमां धार्मिक प्रवचनना खास दिवसो तरीके उजवाशे. आ दिवसो दरमियान घणाखरा
भाईओने कामधंधाथी निवृत्तिनो विशेष अवकाश मळतो होवाथी तेओ लाभ लई शके ते हेतुए आ आठ दिवसो
राखवामां आव्या छे.
पू. कानजी स्वामीना प्रभावथी .
०१६७ वीतरागी जिनबिंबोनी प्रतिष्ठा थई.
०१प नवा दिगंबर जिनमंदिरो बन्या.
०९ वार पंचकल्याणक महोत्सव थया.
०७ जग्याए वेदीप्रतिष्ठा महोत्सव थया.
०३ लाख जेटला दि. जैन सिद्धांतने अनुसरता पुस्तको प्रसिद्ध थया.
०२प उपरांत कुमार भाई–बेनोए आजीवन ब्रह्मचर्यनी दीक्षा लीधी.
०हजारो जीवो दि. जैनधर्ममां दीक्षित थया.
० श्राविका–ब्रह्मचर्याश्रमनी स्थापना थइ.
०बे वार गिरनारजी तीर्थनी संघसहित यात्रा थई.
०सम्मेदशिखरजी वगेरे तीर्थधामोनी संघसहित यात्रा थई.
(“शासन प्रभाव”) पुस्तिकामांथी
शासनप्रभाव
जिज्ञासुओने वांचता प्रसन्नता थाय एवी आ पुस्तिका पू. गुरुदेवना यात्रा–प्रवास दरमियान प्रसिद्ध थई
छे; तेनी १०,००० दस हजार नकल छापवामां आवी हती. पू. श्री कानजीस्वामी द्वारा जैनधर्मनी जे महान
प्रभावना थई रही छे तेनो संक्षिप्त परिचय आ पुस्तिकामां आपवामां आव्यो छे, जे दरेक जिज्ञासुओए वांचवा
लायक छे. आ पुस्तिकामां शरूआतमां पू. गुरुदेवना जीवन साथे संबंध धरावता मुख्य प्रसंगोनुं विवेचन आपवामां
आव्युं छे. ते उपरांत दस बोलद्वारा पू. गुरुदेवना उपदेशनो सार अने बीजी अनेक जाणवा लायक माहिती
आपवामां आवी छे. आ पुस्तिका हिंदी भाषामां छे, किंमत बे आना छे.
श्री जैन स्वाध्याय मंदिर
सोनगढ (सौराष्ट्र)
सायलामां स्वाध्याय मंदिरनुं उद्घाटन
सायला (मारवाड) मां दिगंबर जैन मुमुक्षुमंडळ तरफथी लगभग रू. १प००० ना खर्चे जैन स्वाध्याय
मंदिर तथा तेना उपरना भागमां जिनमंदिर तैयार करवामां आवेल छे, ते स्वाध्याय मंदिरमां आ चैत्र सुद तेरसना
शुभदिने स्वाध्यायनुं मुहूर्त करवामां आव्युं छे. अहीं हंमेशां सवार–सांज स्वाध्याय (वांचन) चाले छे.
वार्षिक लवाजम रूपिया त्रणःःः छूटक नकल चार आना