शहेरमां पण भव्य दिगंबर जिनमंदिरनुं निर्माण थयुं छे, ने तेमां जिनेन्द्र भगवाननी
प्रतिष्ठा माटेनो पंचकल्याणक महोत्सव ऊजववानुं नक्की थयुं छे. प्रतिष्ठानुं मुहूर्त
वैशाख सुद तेरसनुं छे. आ निमित्ते पू. गुरुदेवना मंगल विहारनो कार्यक्रम हाल नीचे
मुजब विचारवामां आव्यो छे, आ विहार डोळी मारफत थवानो छेः
तथा राणावाव थईने, लगभग फागण सुद तेरसे पोरबंदर पहोंचशे; त्यां आठेक
दिवस रोकाई, वच्चेना गामो थईने राजकोट फागण वद १२ ना रोज पहोंचशे. चैत्र
सुद १२ वांकानेर पधारशे; त्यांथी मोरबी पधारशे; त्यारबाद, ध्रांगध्रा, गुजरवदी,
जोरावरनगर वगेरे गामो थईने, वैशाख सुद एकम(पहेली)ना रोज सुरेन्द्रनगर,
वैशाख सुद चोथे वढवाण शहेर, ने वैशाख सुद आठमे लींबडी शहेर पधारशे. त्यां
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव उजवाशे; त्यारबाद चूडा, राणपुर, बोटाद, वींछीया
ने गढडा थईने उमराळा जेठ सुद त्रीजे पधारशे; ने त्यारबाद सोनगढ पधरामणी
थशे. (वांकानेर–चैत्र सुद तेरस, सुरेन्द्रनगर–वैशाख सुद त्रीज, वढवाण–शहेर–
वैशाख सुद सातम, उमराळा–जेठ सुद चोथ,–आ बधा गामोनी जिनमंदिर प्रतिष्ठानी
वर्षगांठ प्रसंगे पू. गुरुदेव ते ज गाममां बिराजमान हशे. महावीर जन्मकल्याणक
महोत्सव वांकानेरमां ऊजवाशे. गुरुदेवनो ६९मो ज जन्मोत्सव सुरेन्द्रनगरमां
उजवाशे.
हती. ए तीर्थयात्राना मंगल दिवसो फरीने आवतां, जे दिवसे जे तीर्थधामनी यात्रा
थयेली तेनुं स्मरण करीने, ते दिवसे जे तीर्थधामनी समूहपूजा सोनगढ जिनमंदिरमां
करवामां आवे छे, ने कोई कोई वार पू. गुरुदेव प्रवचनमां पण सिद्धवरकूट वगेरे
तीर्थधामोना स्मरणो कहे छे,–आम, ए आनंदकारी तीर्थयात्रानुं फरी फरीने स्मरण
थाय छे. विशेषमां, ए तीर्थयात्राना भव्य प्रसंगनी फिल्म पण उतारवामां आवेली छे,
तेनुं पण सोनगढमां प्रदर्शन थतां ए भव्य तीर्थयात्राना द्रश्यो फरीने जाणे नजर
समक्ष ज बनी रह्या होय–एवुं लागे छे..अथवा तो, गुरुदेवनी अने भक्तजनोनी
महान भक्तिथी अत्यंत प्रसन्न थईने बधाय तीर्थधामो सुवर्णपुरे पधार्या होय!–एम
लागे छे. सोनगढना आंगणे ज बधाय तीर्थधामोनां दर्शन करतां भक्तोने बहु आनंद
थाय छे (आखी फिल्म लगभग ६४०० फीट लांबी छे.)
साथे) करवानी सौनी भावना छे.