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सन्मुखताथी आत्माना सम्यग्दर्शन–ज्ञान–चारित्ररूप कार्य थतुं नथी. ‘निमित्त वगेरे जराक तो साधन थाय ने?’ तो
कहे छे के ना; निमित्तमां एवी कोई शक्ति नथी के ते आत्माना मोक्षमार्गरूप कार्यनुं जरा पण साधन थाय. मोक्षमार्गनुं
साधन थवानी परिपूर्ण शक्ति आत्मामां ज छे.
खरेखर विकारीभावोनुं साधन थवानो पण आत्मानो स्वभाव नथी. आत्माना आवा स्वभावनी श्रद्धा करनार
जीव विकारना साधकतमपणे परिणमतो नथी पण पोतानी निर्मळपर्यायना ज साधकतमपणे परिणमे छे. आत्मा
पोताना स्वभावना अवलंबनथी पोते ज साधन थईने पोतानी मुक्तिने साधे छे; मुक्ति माटे बहारमां बीजुं
कोई साधन गोतवुं पडतुं नथी.
एवी ताकात नथी के ते मोक्षनुं के मोक्षमार्गनुं साधन थाय. अहीं तो साधन (–साधकतम) तेने ज कहे छे के कार्य साथे
जे अभेद होय. मोक्षमार्गरूपी कार्यनी साथे आत्मा अभेद छे, तेथी आत्मा ज तेनुं साधन छे. पण रागने मोक्षमार्गरूप
कार्यनी साथे अभेदता नथी तेथी राग तेनुं साधन नथी. तेमज आत्माना स्वभावने रागनी साथे अभेदता नथी तेथी
आत्मा रागनुं साधन पण नथी.
उत्तरः– रागनुं कोई ध्रुव साधन नथी. राग तो उपरनी क्षणिक विकृति छे, ने तेनुं साधन पण क्षणिक पर्याय ज
के त्यां विकार थतो ज नथी, निर्मळता ज थाय छे. आ रीते पोतानी निर्मळ पर्यायनुं साधन थवानो ज आत्मानो
स्वभाव छे.
तारा सुखनुं साधन छे, तेनुं अवलंबन करतां ज तुं सुखी थईश; माटे तारा आत्माने ज सुखनुं साधन जाणीने
तेमां अंतर्मुख था. ज्यारे जो त्यारे तारा सुखनुं साधन तारामां हाजराहजूर पडयुं छे, अंतर्मुख थईने तेनुं
अवलंबन कर एटली ज वार छे. अंतर्मुख थतां तारो आत्मा ज तारा सुखनुं साधन थई जशे, तारे बीजुं कोई
साधन शोधवुं नहि पडे.
तेथी हुं दुःखी थयो. स्वभावमां ज मारुं सुख छे एवुं सम्यग्ज्ञान थतां, बहारमां सुखबुद्धि छूटी गई ने पोताना
स्वभावमां मग्न थईने आत्मा पोते सुखरूप परिणम्यो. ते सुखनुं साधन आत्मा ज छे, बीजुं कोई तेनुं साधन
नथी.
आश्रये पण एवी ताकात नथी, एटले ते निमित्तो–राग–पर्याय–के गुणभेद–ए कोईनी सन्मुखताथी निर्मळ पर्याय
थती नथी. अनंत गुणथी अभेद आत्मस्वभावमां ज एवी ताकात (करणशक्ति) छे के तेनुं अवलंबन करवाथी ते
निर्मळ पर्यायनुं साधन थाय छे, एटले तेनी सन्मुखताथी ज निर्मळ पर्याय थाय छे. गुणनो भेद पाडीने एक गुणना
लक्षे साधकपणुं थतुं नथी; जो एक गुणना लक्षे ज साधकपणुं थवानुं माने तो तेणे एक गुण जेटलो ज आखो आत्मा
मान्यो, एटले श्रद्धा–ज्ञान–चारित्र–प्रभुत्व–जीवत्व वगेरे