विधविध समाचार
लींबडीमां पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव बाद वैशाख सुद पूर्णिमाए त्यांथी विहार करीने गुरुदेव चूडा पधार्यां
हता; त्यार बाद अनुक्रमे राणपुर, बोटाद, वींछीया, गढडा तथा उमराळा थईने जेठ सुद छठ्ठना रोज पुनः सोनगढ
पधार्या छे. गुरुदेव ज्यां ज्यां पधार्या त्यां दरेक शहेर अने गामना भक्तजनोए उत्साहपूर्वक स्वागत कर्युं हतुं. बोटाद
जिनमंदिरनी प्रतिष्ठाना वार्षिक दिवसे (वैशाख वद सातमे) गुरुदेव बोटादमां ज हता, तेथी ते दिवस उत्साहथी
ऊजवायो हतो अने भगवाननी रथयात्रा नीकळी हती. वींछीयामां पाठशाळाना बाळकोए नेमवैराग्यनो संवाद भजव्यो
हतो. उमराळा जिनमंदिरनी वार्षिक प्रतिष्ठानो दिवस जेठ सुद चोथ छे, ते दिवसे गुरुदेव उमराळामां होवाथी ते दिवस
पण उत्साहथी उजवायो हतो, ते दिवसे भगवाननी रथयात्रा नीकळी हती; श्रुतपंचमी पण उमराळामां उजवाणी हती ने
ते निमित्ते श्रुत पूजन तथा भक्ति थया हता. जेठ सुद छठ्ठने दिवसे गुरुदेव सोनगढ पधारतां भक्तजनोए उमंगथी
स्वागत कर्युं हतुं; सुवर्णपुरीने खूब शणगारवामां आवी हती. उमराळाथी नीकळ्या बाद थोडी ज वारमां दूरदूरथी
सुवर्णपुरीना मानस्तंभनी बत्ती देखाती हती...ते जोईने गुरुदेव वारंवार मानस्तंभने अने सुवर्णपुरीने याद करता हता.
सौथी पहेलां गुरुदेव जिनमंदिरमां पधार्या हता..अने सीमंधर भगवानना धर्मदरबारनी अद्भुत शोभा नीहाळता
थोडीवार त्यां प्रभु सन्मुख एकीटसे ऊभा हता..पछी सुवर्णनी रकाबीमां अर्घ चडाव्यो हतो. त्यार बाद स्वाध्याय
मंदिरमां मांगलिक संभळाव्युं हतुं. गुरुदेव सोनगढ पधारतां आखा गामनी शोभा पलटी गई छे ने चारेकोर
प्रसन्नतानुं वातावरण छवाई गयुं छे. सुवर्णपुरीना जिनमंदिरनी शोभा तो खरेखर अद्भुत बनी गई छे.
प्रवचनमां सवारे श्री पंचास्तिकाय शास्त्र वंचाय छे अने बपोरे श्री प्रवचनसारशास्त्र वंचाय छे. जिनमंदिरमां
भक्ति, रात्रिचर्चा वगेरे कार्यक्रमो नियमित चाली रह्या छे.
पंचास्तिकायशास्त्र–जे हमणां प्रसिद्ध थयुं छे ने जेनी किंमत रूा. त्रण छे, ते हवे वेचाण विभागमांथी मळी शके
छे. पंचास्तिकायनी गुजराती गाथाओनो गूटको पण छपाई गयो छे, तेनी किंमत पांच आना छे.
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
पू. गुरुदेव राणपुर पधार्या त्यारे, वैशाख वद त्रीजना रोज त्यांना भाईश्री वीरचंद फूलचंदना सुपुत्री
शारदाबेने पू. गुरुदेव पासे आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे. तेओ कुमारिका छे. हाल तेमनी उंमर लगभग
२२ वर्षनी छे, तेओ वैराग्यवाळा छे ने अवारनवार सोनगढ आवीने सत्समागमनो लाभ ल्ये छे. नानी उंमरमां आ
शुभकार्य माटे तेमने धन्यवाद!
लींबडी शहेरमां पंचकल्याणक प्रतिष्ठामहोत्सव प्रसंगे प्रतिष्ठित थयेला
जिनबिंबोनी यादी
(१) श्री पार्श्वनाथ भगवान (मूळनायक)लींबडी(७)श्री सीमंधर भगवान मारवाडसायला
(२) श्री आदिनाथ भगवान (विधिनायक)लींबडी(८)श्री आदिनाथ भगवान मारवाड सायला
(३) श्री चंद्रप्रभ भगवानलींबडी(९)श्री महावीर भगवानगोंडल
(४) श्री आदिनाथ भगवानलींबडी(१०) श्री शांतिनाथ भगवानगोंडल
(प) श्री सीमंधर भगवानलींबडी(११) श्री शांतिनाथ भगवानखेरागढराज
(६) श्री सीमंधर भगवानसोनगढ
सौराष्ट्रमां पू. गुरुदेवना प्रतापे अत्यार सुधीमां १० वखत पंचकल्याणक महोत्सवो थया छे; अने एकंदर १७८
वीतरागी जिनबिंबोनी प्रतिष्ठा थई छे.
ग्राहकोने सूचना
आपणुं ‘आत्मधर्म’ मासिक पहेलां दरेक मासनी सुद बीजे प्रसिद्ध थतुं, तेने बदले हाल दरेक अंग्रेजी महिनानी
पहेली तारीखे प्रसिद्ध थाय छे; आ वात लक्षमां राखवा दरेक ग्राहकोने खास विनंति छे.
वार्षिक लवाजम रूपिया चारःःःछूटक नकल पांच आना