पावागढ पधारशे. वडोदरा थईने मोटरबसथी पावागढ
जवाय छे. आ पावागढ–सिद्धक्षेत्रथी रामचंद्रजीना पुत्रो लव–
कुश, तथा लाट देशना राजा अने पांच करोड मुनिवरो मोक्ष
पाम्या छे. पर्वत उपर जिनमंदिरो तेमज तळाव छे, अने
लव–कुश भगवंतोना चरणपादुका छे. पोष सुद दसमना रोज
आ सिद्धक्षेत्रनी जात्रा थशे. त्यारबाद पोष सुद ११ तथा १२
ना रोज दाहोद, सुद १३ पालेज, सुद १४ सुरत तथा मनोर,
अने सुद १प ना रोज शिव थईने, पोष वद एकम ने
रविवारना रोज पू. गुरुदेव मुंबई शहेरमां प्रवेश करशे. त्यां
मम्मादेवी रोड (झवेरी बजार) पर नवा बंधायेला भव्य
दिगंबर जिनमंदिरनो पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव थशे.
प्रतिष्ठानुं मुहूर्त माह सुद छठ्ठे छे. प्रतिष्ठा बाद माह सुद
आठमना रोज पू. गुरुदेव संघ सहित यात्रा अर्थे प्रस्थान
करशे. (गया अंकमां भूलथी फागण सुद आठम लखाई गयुं
छे तेने बदले माह सुद आठम समजवुं) मुंबई पछी आवतां
स्थळोनो अत्यार सुधीमां प्राप्त थयेलो परिचय अहीं टूंकमां
आपवामां आवे छे. (अहीं आपेली तिथिओ सोनगढना
तिथिदर्पण अनुसार छे. हाल आ प्रमाणे कार्यक्रम नक्की
करवामां आव्यो छे; खास प्रसंगवशात् जरूर पडशे तो तेमां
फेरफार थशे.)
विहरमान भगवंतोना भव्य प्रतिमाजी बिराजे छे. बाहुबली–कुंभोजमां २८ फूट ऊंचा बाहुबलीस्वामीना भव्य
प्रतिमाजी छे, तेमज समवसरणनी रचना छे. जे सोनगढ अने