पंच कल्याणक महोत्सव ऊजवायो...परम
प्रभावी पू. श्री कानजीस्वामीनी मंगल
छायामां उजवायेलो आ पंचकल्याणक
प्रतिष्ठा महोत्सव मुंबईना ईतिहासमां
अभूतपूर्व हतो. पू. गुरुदेवना प्रतापे
मुंबईना दि. जैन मुमुक्षुमंडळे अतीव
उत्साहपूर्वक लगभग चार लाख रूा. ना
खर्चे झवेरीबजारमां भव्य जिनमंदिर
बंधावीने पंचकल्याणक प्रतिष्ठानो महोत्सव
मुंबईनगरीमां ऊजव्यो. आ महोत्सवनां
द्रश्यो नीहाळीने हजारो–लाखो लोको
आश्चर्यचकित बन्या हता. आ प्रतिष्ठा
उत्सवमां लगभग बे लाख रूा. नुं खर्च थयुं
हतुं, अने अढी लाख रूा नी आवक थई
हती. आ प्रतिष्ठा महोत्सवना बधा
प्रसंगोना विगतवार समाचारोनो लगभग
प० पानांनो एक लेख ‘आत्मधर्म’ ना
गतांकमां छापवा माटे मोकल्यो हतो, परंतु
पोस्टनी गरबडमां ते गूम थई जवाथी
प्रसिद्ध थई शक्यो नथी; आथी ते
प्रतिष्ठामहोत्सवना मुख्य–मुख्य प्रसंगो
फरीथी संक्षेपमां लखीने मोकलवामां आव्या
छे. यात्रा प्रवासमां होवाने कारणे ऊभी
थयेली मुंबईना समाचारोनी आ
परिस्थिति बदल आत्मधर्मना वांचको पासे
क्षमा मांगीए छीए.
नगर’ प्रतिष्ठामंडपमां झंडारोपण थयुं ते प्रसंगनुं
द्रश्य चित्रमां शेठ श्री खीमचंदभाई वगेरे झंडारोपण
करी रहेला देखाय छे.