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तेमां १प–२० फूटना अति भव्य प्राचीन जिनबिंबो छे, शांतिनाथ, पार्श्वनाथ वगेरेना दर्शन करीने थोडीवार
भक्ति पण करी हती. त्यारबाद गुरुदेव हासन पधारतां त्यांना जैनसमाजे घणा ज उमळकाथी गुरुदेवनुं
दर्शन कर्या हता.....एक भाईए संस्कृत–स्वागत गीत गायुं हतुं. संघ रात्रे श्रवणबेलगोल पहोंची गयो हतो.
पधारतां स्वागत थयुं. स्वागत बाद
तुरत पू. गुरुदेव संघसहित बाहुबली
भगवाननी यात्रा माटे ईंद्रगीरी
पर्वत उपर पधार्या....खूब ज
रळियामणो आ पर्वत लगभग ४००
पगथिया ऊंचो छे, ने पा कलाकमां
उपर पहोंची जवाय छे.... उपर जईने
प७ फूट ऊंचा बाहुबलीनाथने
नीहाळतां ज गुरुदेव आश्चर्य अने
भक्तिथी स्तब्ध थई गया....खूब ज
भावपूर्वक फरी फरीने ए वीतरागी
नाथने नीहाळ्या...ने ए वीर–वैरागी
बाहुबलीनाथना दर्शन करी–करीने
घणो आनंद व्यक्त कर्यो. गुरुदेवनी
साथे बाहुबलीनाथनी यात्रा करतां
बेनश्रीबेनने पण खूब ज उल्लास
अने भक्तिभाव जागता हता. प्रथम
बाहुबली प्रभुनुं समूहपूजन
थयुं....त्यारबाद पू. गुरुदेवे बाहुबली
भगवाननी भक्ति (ऐसे
ऋषभनंदन देखें
वनमें......इत्यादि) करावी.
पछी पू. बेनश्रीबेने पण
भक्ति करावी हती.