Atmadharma magazine - Ank 186
(Year 16 - Vir Nirvana Samvat 2485, A.D. 1959)
(Devanagari transliteration).

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चैत्रः २४८पः ६ डः
त्यारबाद क्षेत्रनी व्यवस्था कमिटी तरफथी आभार प्रदर्शन करतां कह्युं केः पू. श्री कानजीस्वामी
मुक्तागीरी पधारी रह्या छे ए सांभळीने अमे पांच मासथी चातकनी जेम राह जोता हता....आजे तेमना दर्शन
पामीने अमे धन्य थया छीए...तेओए स्वानुभूतिनो उपदेश समजावीने भवभवना रोगीने दवा आपी
छे....तेओश्री फरीने पण आ तीर्थक्षेत्रमां पधारीने अमने दर्शन आपे–एवी प्रार्थना छे....
गुरुदेवनो लाभ लेवा माटे आसपासना अनेक गामोथी सेंकडो माणसो अहीं आव्या हता. हीवरखेडना
शेठ श्री शांतिजी बंड जैन पण उल्लासभर्या स्वागत–प्रवचनद्वारा गुरुदेवनुं भावभीनुं सन्मान कर्युं हतुं.
अहींथी प्रस्थान करीने गुरुदेव परतवाडा रोकाया हता...मुक्तागीरी रात्रे सुंदर भक्ति थई
हती....सिद्धिधाममां साधकसंतोना भाव सहेजे उल्लसी जता हता–
गुरुदेव साथे यात्रा आज...
वाह वा जी...वाह वाह!
सिद्धप्रभुजी देख्या आज...
वाह वा जी...वाह वाह!
सिद्धप्रभु पासे आव्या आज....
वाह वा जी...वाह वाह!
सिद्धपदने पाया आज......
वाह वा जी...वाह वाह!
आवी उल्लासभरी भक्ति थती हती, अने,–
आज हम गुरुदेव तुम्हारी साथे आये.....
आज हम मुनिराज तुम्हारी पासे आये....
आज हम सिद्धप्रभुजी तुम्हारी पासे आये.......
इत्यादि प्रकारे पू. बेनश्रीबेन पोतानो यात्रा संबंधी उल्लास अने भावना व्यक्त करता हता.
अमरावती थईने नागपुर तरफ
फागण वद १३ नी सवारमां सिद्धिधामना दर्शन करीने संघे अमरावती प्रस्थान कर्युं...वच्चे भातकुली
गामे पधारीने गुरुदेवे आदिनाथ वगेरे प्राचीन जिनबिंबोना दर्शन कर्या. अमरावतीमां दि. जैन समाजे तेमज
गुजराती भाईओए उत्साहथी गुरुदेवनुं स्वागत कर्युं. अहीं पांच जिनमंदिरो छे. मंदिरोना दर्शन तथा
भोजनादि बाद सांजे संघे नागपुर तरफ प्रस्थान कर्युं....लांबी मुसाफरीमां पू. बेनश्रीबेन कोईवार बसमां बेसे
त्यारे अद्भुत आत्मस्पर्शी भक्ति करावता हता.....अने भक्तो भक्तिमां एवा तल्लीन बनी जता के ‘बसमां
बेठा छीए’ ए भूली जता...ने जाणे के भगवाननी पासे ज बेठा छीए–एम भक्तिना आनंदमां लयलीन बनी
जतां....भक्ति करतां करतां अनेक माईलोनो लांबो प्रवास क्यारे पूरो थई जतो–तेनी पण खबर पडती न
हती. आम भक्ति वगेरे द्वारा पू. बेनश्रीबेन सौ बाळकोने आनंद करावता हता..
अत्यारे आपणो यात्रासंघ अमरावतीथी नागपुर तरफ जई रह्यो छे...पू. बेनश्रीबेन पण साथे ज छे.
विधविध भक्तिना नादथी गाजती मोटर बसो दोडी जाय छे.....पण वच्चे बजारगांव आवतां रात्रे नव वागे
बधी मोटर बसो एकाएक थंभी गई...शा माटे! ते हवे पछीना लेखमां कहेशुं.