Atmadharma magazine - Ank 186
(Year 16 - Vir Nirvana Samvat 2485, A.D. 1959)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्म
वर्ष सोळमुं संपादक चैत्र
अंक ६ ठो रामजी माणेकचंद दोशी २४८प
यात्रा समाचार
“पू. श्री कानजीस्वामी दि. जैन
तीर्थयात्रा संघ” पू. गुरुदेव साथे आनंदपूर्वक
तीर्थयात्रा करतों विचरी रह्यो छे....पू. गुरुदेव
ज्यां ज्यां पधारे छे त्यां त्यां मोटो महोत्सव
रचाई जाय छे, ने ठेरठेर नगरजनो
उमळकाभर्युं स्वागत करे छे. संघना
अमरावती (फागण वद १४) सुधीना
विगतवार समाचार आ अंकमां आप्या छे.
त्यारपछी नागपुर, डुंगरगढ, खेरागढ,
रामटेक, सीवनी, जबलपुर, मढीयाजी,
पनागर, दमोह, कुंडलगीरी, शाहपुर, सागर,
नैनागीरी, द्रौणगीरी, खजराह, पपौराजी,
टीकमगढ, आहारक्षेत्र, ललितपुर अने देवगढ
(चैत्र वद त्रीजे) थईने कुशळपूर्वक आगळ
प्रस्थान करी रह्यो छे....मुख्य मुख्य
तीर्थधामोनी यात्रा घणा उल्लासपूर्वक थई
गई छे....ने हवे पाछा फरी रहेला भक्तोने
घडीए घडीए सोनगढनुं स्मरण थाय छे....
परम पूज्य श्री कहानगुरुदेवनी संघसहित दक्षिणना तीर्थधामोनी मंगलयात्रानुं मुंबईथी मद्रास सुधीनुं
संक्षिप्त वर्णन ‘आत्मधर्म’ ना छेल्ला बे अंकोमां प्रसिद्ध थई चूकयुं छे....हवे मद्रासथी आगळ वधतां पहेलां
मद्रास सुधीनी तीर्थयात्राने जराक याद करी लईए.
महा सुद आठमना रोज मुंबईथी नीकळी, वच्चे मुम्रा थईने पुना आव्या....पछी फलटन शहेरना
भव्य जिनालयोना दर्शन करीने दहींगावमां सीमंधरादि वीस भगवंतोना भव्य प्रतिमाना दर्शन
कर्या.....पछी बाहुबली (कुंभोज) क्षेत्रमां २८ फूटना बाहुबली प्रतिमा, समवसरण मंदिर, बाहुबली–
मंदिर, मानस्तंभना तथा नानकडा पर्वत उपर ३ मंदिरोनां दर्शन कर्या....त्यारबाद कोल्हापुर थईने
बेलगांव आव्या. त्यां किल्लाना प्राचीन जिनमंदिरमां नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती द्वारा प्रतिष्ठित
नेमिनाथ भगवानना दर्शन कर्या. हुबलीमां हाथीनां बे बच्चांए स्वागत कर्युं...... त्यारबाद रमणीय
वन–जंगल वच्चेथी पसार थईने जोगफोल्सना कुदरती धोध वगेरे जोईने हुमच आव्या...अनेक प्राचीन
जिनालयो तथा रत्नादि–प्रतिमानां दर्शन कर्या....तथा पहाडी उपरना जिनमंदिरमां बाहुबलीनाथना
दर्शन कर्या. त्यारबाद घणा उल्लासपूर्वक कुंदगिरि (कुंदाद्रि) तीर्थधामनी यात्रा करीने, वच्चे मोटो घाट
ओळंगीने मूळबिद्रि आव्या....त्यां त्रिभुवनतिलकचुडामणि मंदिरमां रात्रे हजारो दीपकोना झगमगाटमां
दर्शन कर्या...रत्नादिना प्रतिमाओनां तथा ताडपत्रोक्त जिनवाणीना घणी भक्तिथी फरीफरीने दर्शन
कर्या....बीजा पण अनेक जिनालयोमां चोवीस भगवंतो वगेरेनां दर्शन कर्या.....कारकलमां