Atmadharma magazine - Ank 187
(Year 16 - Vir Nirvana Samvat 2485, A.D. 1959)
(Devanagari transliteration).

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वैशाखः २४८पः २७ः
भाग लीधो. केशुभाईना पुत्रे सजोडे ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा लीधी. रात्रे सीमंधरप्रभुजी सन्मुख उल्लासपूर्ण भक्ति
थई हती; ते वखते देहगामनी बहेनोए पण रासपूर्वक मोरलीना भजन गाईने भक्ति करी हती. अहीं
घरचैत्यमां सीमंधरप्रभुना प्रतिमा बिराजे छे तथा अहीं जिनमंदिरने माटे महावीरप्रभुना प्रतिमाजी प्रतिष्ठित
थईने हाल तलोद जिनमंदिरमां बिराजे छे. अहींना भक्तोने जिनमंदिर बंधाववानी भावना छे.
कलोल (वैशाख सुद छठ्ठ–सातम)
बीजी वै. सुद छठ्ठे गुरुदेव पधारतां कलोलना जैनसमाजे उत्साहपूर्वक भव्य स्वागत कर्युं. अहीं सुंदर
जिनमंदिर छे, तेना भोंयरामां पण प्राचीन प्रतिमाओ छे...उपरना भागमां हालमां शेठ जीवणलाल
वखारीआना वंडामांथी प्रगटेल मुनिसुव्रत भगवान बिराजे छे. गुरुदेवना प्रवचनो उपरांत रात्रे आत्मसिद्धि
स्वाध्याय तथा बीजे दिवसे जिनमंदिरमां समूहपूजन थयुं हतुं. अहींथी बपोरे अमदावाद आव्या हता.
अमदावादमां बपोरे ३ थी ४ प्रेमाभाई होलमां प्रवचन थयुं हतुं....ने रात्रे तत्त्वचर्चा वखते गुरुदेवे
भावपूर्वक यात्राना अनेक तीर्थोनुं स्मरण कर्युं हतुं.....रात्रे सोनगढना घणाखरा यात्रिको अमदावादथी सोनगढ
तरफ गया हता...वैशाख सुद ९ नी सवारमां सोनगढ पहोंचीने सौ यात्रिको आनंदथी गाता गाता जिनमंदिरे
गया हता...बाकी रहेला भक्तो सहित गुरुदेव वैशाख सुद नोमे अमदावादथी पोलारपुर पधार्या हता....त्यां
बपोरे प्रवचन हतुं. सांजे भोजन बाद गुरुदेव शिहोर आवीने रात रह्या.....ने पू. बेनश्रीबेन अद्भूत भक्ति
करतां करतां सोनगढ पधार्या..... सोनगढ आवतां जाणे रस्ताना आंबाओ पण प्रफूल्लित थईने स्वागत करता
हता.
पू. बेनश्रीबेन पधारतां सोनगढना बहेनोए उमळकापूर्वक पूष्पहार वगेरेथी स्वागत कर्युं.... अने
भक्तोए यात्राना उल्लासमां अति आभारवशताथी तेओश्रीना चरणोमां नमस्कार कर्या...... पछी भक्तो साथे
आनंदगीत गातां गातां पू. बेनश्रीबेन वहाला विदेहीनाथना दर्शने आव्या....दूर दूरथी दिव्यतेजे झळहळी रहेला
सीमंधरनाथने देखतां ज घडीभर स्तब्ध बनीने तेओ थंभी गया... अति भक्ति, आश्चर्य अने प्रमोदथी
भगवानने नीहाळी ज रह्या....जाणे विदेहमां छीए के भरतमां–ए घडीभर भूलाई गयुं.....पछी भगवान
सन्मुख हैयां खोलीने आनंदथी भक्ति करी, जाणे आखी यात्रानो भेगो थयेलो अपार हर्ष अहीं सीमंधरनाथ
पासे एक साथे व्यक्त कर्यो.
आनंदमंगळ आज हमारे आनंदमंगळ आज जी
सीमंधर प्रभुना दर्शन करतां आनंदमंगळ आज जी
सीमंधरप्रभुना परम प्रतापे यात्रा अपूर्व थायजी
सीमंधरनाथने नयने नीरखतां आत्मा उल्लसी जाय जी
अनेक तीर्थोनी यात्रा करीने आजे घणा दिवसे सीमंधर प्रभुना दर्शन करतां सौने हृदयमां प्रमोद अने
शांति थती हती.
भावनगर (वैशाख सुद दसम)
शिहोरथी प्रस्थान करीने पू. गुरुदेव भावनगर पधारतां जैन समाजे नगरीने शणगारीने भावभीनुं
भव्य स्वागत कर्युं....हजारोनी मेदनीए प्रेमथी गुरुदेवनुं प्रवचन सांभळ्‌युं. २९ वर्षे गुरुदेव भावनगर पधारतां
अहींना अनेक भावभीनां स्मरणो भक्तोने हृदयमां जागता हता. बीजे दिवसे रात्रे भगवानजी शेठना बंगले
भगवानने पधरावीने भक्ति थई हती. जिनमंदिरमां खड्गासने चंद्रप्रभु भगवान वगेरेना दर्शनथी भक्तोने
आनंद थयो हतो. त्रीजे दिवसे (वैशाख सुद १२ ना रोज) सवारमां ३०० उपरांत भक्तो साथे गुरुदेव घोघाना
जिनमंदिरना दर्शने पधार्या. घोघा प्राचीन काळमां सौराष्ट्रनुं वैभववंतुं बंदर हतुं; हाल त्यां बे प्राचीन दि.
जिनमंदिरो अनेक प्राचीन जिनबिंबो सहित बिराजे छे. तेमां मूळनायक आदिनाथ प्रभुनी प्रतिमा घणी प्राचीन
छे; तेमज स्फटिकनी पण प्राचीन मूर्तिओ छे.
दर्शन बाद चोकमां पार्श्वप्रभुने बिराजमान करीने समूहपूजन थयुं हतुं....अने पछी भक्ति थई हती.
प्रथम गुरुदेवे उपशम भावपूर्वक उपशमरसझरता पार्श्वप्रभुनुं स्तवन गवडाव्युं हतुं.... स्तवन गवडावतां
गुरुदेव कह्युं के अनेक तीर्थोनी जात्रा थई....आजे मंगळवारे