चंपापुरी, पावापुरी अने गीरनार ए
तीर्थधामोनी यात्रा आपणे अनेक
भक्तजनोए ताजेतरमां पू. गुरुदेव साथे घणी
भक्तिपूर्वक करी. तीर्थंकरोना निर्वाणक्षेत्रोमां
हवे मात्र आदिनाथ भगवाननी मोक्षभूमि
कैलासतीर्थनी यात्रा बाकी रहे छे. आ कैलास
पर्वत वर्तमानमां तो आपणने अगोचर
होवाथी तेनी साक्षात् यात्रा लगभग अशक्य
छे. तो पण, ज्यारे भगवान ऋषभदेव तीर्थंकर
कैलास पर्वत उपर साक्षात् बिराजता हता
त्यारे भरत चक्रवर्तीए भक्तिपूर्वक जे
कैलासयात्रा करीने भगवान ऋषभदेवनी
वंदना करेली, तेनुं वर्णन वांचीने....ते प्रसंगना
स्मरणथी.....आपणे पण आजे कैलासयात्राना
आनंदनी जराक झांखी करीए......एवी
भावनापूर्वक महापुराण तथा भरतेशवैभवना
आधारे कैलासयात्रानो प्रसंग अहीं रजू
करवामां आव्यो छे.
रत्नमय जिनबिंबोनी प्रतिष्ठा करावेली छे,
अने ज्यांथी भगवान ऋषभदेव मोक्ष पाम्या
छे. आ कैलासपर्वत भरतक्षेत्रमां अहींथी
ईशानकोण तरफ आवेलो छे.