Atmadharma magazine - Ank 196
(Year 17 - Vir Nirvana Samvat 2486, A.D. 1960)
(Devanagari transliteration).

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महा : २४८६ : ११ :
पूज्यपादस्वामी कहे छे के अरे मूढ अज्ञानी! तारा व्रत–तप तो संसारनुं ज कारण छे; तने चैतन्यनुं तो
भान नथी ने विषयोनी भावना छूटी नथी, तारो संसार जराय छूटयो नथी; ने धर्मात्माने अंतरमां
चैतन्य भावनाथी अनंत संसार छूटी गयो छे. व्रत–तप करवा छतां तुं तो संसारमार्गी छो ने ते
धर्मात्माने व्रत–तप न होवा छतां ते मोक्षमार्गी छे. छतां एने ताराथी हलका मानीने, ने पोताने तेनाथी
अधिक मानीने तुं मोक्षमार्गनी मोटी विराधना करी रह्यो छे.
समकिती धर्मात्माने चैतन्यना अतीन्द्रिय आनंद सिवाय बाह्यविषयो कलेशदायक लागे छे; बाह्य
विषयो तरफनुं वलण जाय ते दुःख छे, ने चैतन्यमां एकाग्रता रहे ते सुख छे. अज्ञानीने बाह्यविषयोनी
अनुकूळतामां सुख लागे छे, एटले व्रत–तपमां तेने कलेश–बोजो लागे छे. घणा उपवास थाय त्यां घणो
कलेश लागे छे, ने ज्ञानी मुनिने तो आत्माना आनंदनी लीनतापूर्वक आहारादिनी ईच्छा तूटी जतां
सहेजे अनेक उपवासादि तप थई जाय छे. ज्ञानीने आत्माना आनंद सिवाय बहारना कोई पण
विषयोमां सुखबुद्धि नथी तेथी तेने तेनी भावना नथी. अज्ञानीने आत्माना आनंदनुं भान नथी एटले
बाह्यविषयोमां ज सुखबुद्धि वर्ते छे, तेथी तेने बाह्यविषयोनी ज अभिलाषा वर्ते छे. आम ज्ञानी अने
अज्ञानीनी अंर्तभावनामां आकाश–पाताळनुं अंतर छे.ाा ४२ाा
शा माटे?
अरे जीव! तारी आत्मशक्तिने के तारा ज्ञान–
आनंदने शा माटे तुं बहार शोधे छे? आत्मानी शक्ति
तो आत्मामां छे, आत्मानी शक्तिओ कांई बहारमां
नथी; तो बहारमां शा माटे शोधवुं पडे?–अंतरमां
शोधने!
असंख्य प्रदेशे अनंतशक्तिसंपन्न एवा
आत्माने सर्व प्रकारे प्रत्यक्ष जाणीने सर्वज्ञ भगवान
कहे छे के अरे जीव! तारो आत्मा असंख्यप्रदेशमां
अनंतशक्तिथी पूर्ण छे, तेनी सन्मुख जो...पोताथी ज
तारी परिपूर्णता छे; तारा स्वरूपमां एवी कई कमीना
छे के तारे बहार बीजा पासे शोधवुं पडे? तारा
स्वभावमां शी खोट छे के तुं बीजामां गोतवा जाय
छे? आत्मानी स्वभावशक्तिमां जे पूर्ण ज्ञान–आनंद–
प्रभुतानुं सामर्थ्य हतुं ते ज अमे आत्मामांथी प्रगट
कर्युं छे, कयांय बहारथी नथी लाव्या...तारा आत्मामां
पण अमारा जेवुं ज सामर्थ्य छे तेने तुं जाण...तेनो
विश्वास करीने तेनी सन्मुख था...एटले तारी
आत्मशक्तिमांथी परिपूर्ण ज्ञान–आनंद ने प्रभुता
खीली जशे. पोतामां ज जे चीज छे तेने बहारमां शा
माटे शोधवी पडे?