Atmadharma magazine - Ank 205
(Year 18 - Vir Nirvana Samvat 2487, A.D. 1961)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 5 of 25

background image
: २ : आत्मधर्म : २०प
‘प्रभो! आपे बतावेला मोक्षमार्गे अमे चाल्या आवीए छीए’
भ...ग...वं...तो...ने न...म...स्का...र...हो...
अर्हंत सौ कर्मोतणो करी नाश ए ज विधिवडे, उपदेश पण
एम ज करी निर्वृत्त थया; नमुं तेमने.
आचार्यदेवे पोते स्वानुभवथी जे मोक्षमार्ग प्रगट कर्यो तेमां
मतिने व्यवस्थित करीने निःशंकताथी कहे छे के: अहो! अनंत तीर्थंकर
भगवंतोए पोते आ ज एक मोक्षनो मार्ग अनुभवीने मुमुक्षुओने
दर्शाव्यो छे.
परम कल्याणरूप निःश्रेयस एटले के मोक्ष, तेनी प्राप्तिनो
त्रणेकाळे एक ज उपाय छे के, सर्वत: शुद्ध भगवान अर्हंतदेवना द्रव्य–
गुण–पर्यायने ओळखीने, तेमना जेवा ज पोताना शुद्धआत्माने
जाणतां सम्यग्दर्शन थाय छे ने दर्शनमोहनो क्षय थाय छे. ए रीते
दर्शनमोहना क्षयथी सम्यक् आत्मतत्त्वने प्राप्त करीने पछी तेमां
एकाग्रतारूप शुद्धोपयोगवडे राग–द्वेषनो पण क्षय थाय छे. आ रीते
शुद्धोपयोगवडे राग–द्वेषनो सर्वथा नाश करीने, सर्व कर्मना क्षयथी
भगवान तीर्थंकरो मोक्ष पाम्या; अन्य मुमुक्षुजीवोने पण भगवंतोए
ए ज मार्ग उपदेश्यो. आ रीते त्रणेकाळे मोक्षमार्गनी एक ज धारा
चाली जाय छे.
तीर्थंकरो–तीर्थंकरो वच्चे समयभेद भले हो, पण भावमां भेद नथी. एक तीर्थंकर एक
भावथी मोक्ष पाम्या ने बीजा तीर्थंकर बीजा भावथी मोक्ष पाम्या–एम भावभेद नथी. बधाय
तीर्थंकरो एक ज भावथी(–स्वाश्रित शुद्धोपयोगथी ज) कर्मक्षय करीने मुक्ति पाम्या छे, अने
अमने पण भगवाने ते ज मार्ग साक्षात् उपदेश्यो छे, ते मार्गमां अमारी मति व्यवस्थित
थई छे,–आम कहीने प्रमोदपूर्वक आचार्यभगवंतो कहे छे के अहो! ते भगवंतोने नमस्कार
हो...भगवंतोए बतावेलो मोक्षमार्ग अमे अवधारित कर्यो छे, मोक्षने साधवानुं कार्य कराय
छे.–आ रीते मोक्षने साधतां साधतां आचार्यदेवे अर्हंतो अने सिद्धोने अभेद नमस्कार कर्या
छे...ने मुमुक्षुभव्यजीवोने माटे भगवाननो मार्ग प्रसिद्ध कर्यो छे.
अहो जीवो! आ काळे के भविष्यकाळे मोक्षनो आ एक ज पंथ छे. स्वाश्रयरूप आ
शुद्धात्मप्रवृत्ति ते एक ज मोक्षनो मार्ग छे–एम तमे निःसंदेहपणे नक्की करो. मोक्षनो अन्य
कोई मार्ग नथी. भगवाने कहेला कोईपण शास्त्रमां आ एक ज मोक्षपंथ दर्शाव्यो छे.
मोक्षमार्गमां अमारी मति व्यवस्थित थई छे, तेमां कोई संदेह रह्यो नथी. निःसंदेहपणे आवा
मोक्षमार्गमां अमे परिणमीए छीए. वाह प्रभु! आपे अमने मोक्षनो सीधो मार्ग
बताव्यो...आपे बतावेला मोक्षपंथमां अमे चाल्या आवीए छीए...अहो! आपने नमस्कार
हो...नमस्कार हो!